ओम प्रकाश।
एशिया कप से पहले पाकिस्तान की बॉलिंग बहुत दमदार नजर आती थी. लेकिन उसके बाद टीम की गेंदबाजी में वह दम नहीं दिख रही.
पहले वार्म-अप मैच की बात की जाए तो पाकिस्तानी बॉलर्स 345 रन डिफेंड नहीं कर पाए.
हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले अभ्यास मैच में शाहीन अफरीदी ने बॉलिंग नहीं की थी. वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे मुकाबले में पाकिस्तान के गेंदबाजों ने 351 रन लुटा दिए.
इस मैच में शाहीन ने 6 ओवर की किफायती बॉलिंग की लेकिन विकेट नहीं ले पाए.
दोनों मैचों की बात की जाए तो पेसर हारिस रऊफ और हसन अली ने काफी रन लीक किए हैं.
नसीम शाह के चोटिल होने के बाद टीम में आए हसन अली अपनी लाइन/लेंथ हासिल नहीं कर पाए हैं. वहीं हारिस रऊफ भी फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कुल मिलाकर नसीम के बाहर होने के बाद टीम की पेस बैटरी कमजोर हो गई है.
हैदराबाद का राजीव गांधी स्टेडियम उन वेन्यू में शामिल हैं जहां वर्ल्ड कप मैच खेले जाएंगे. पाकिस्तान की टीम यहां पर 2 मुकाबले खेलेगी. लेकिन टीम ने इस ग्राउंड पर जिस तरह से अभ्यास मैचों में प्रदर्शन किया है उससे बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती.
यह बात सच है कि ये वार्म-अप मैच थे जिन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाएगी. लेकिन यह बात भी प्रासंगिक है कि कोई भी बॉलर जानबूझकर रन नहीं लुटाता है.
प्रैक्टिस मैच होते ही इसलिए हैं कि बल्लेबाज और गेंदबाज लय हासिल करें. जो पाकिस्तानी बॉलर नहीं कर पाए हैं.
मैं बाबर आजम की तारीफ करने वाले यूट्यूबर्स से कहना चाहता हूं कि वह अकेले टीम को चैंपियन नहीं बना सकते. वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में व्यक्तिगत नहीं टीम का एकजुट प्रदर्शन ज्यादा मायने रखता है.
बाबर वर्ल्ड क्लास प्लेयर हैं उनकी तारीफ होनी चाहिए लेकिन आंख मूंदकर नहीं. स्मरण रहे बड़े टूर्नामेंट में बल्लेबाजों से ज्यादा गेंदबाजों की अहमियत होती है.
समय रहते पाकिस्तान के बॉलर अगर अपनी लय में नहीं लौटे, तो बाबर आजम कितने भी रन बनाएं टीम के हाथ निराशा ही लगेगी.
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