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नसबंदी कराने आयी महिलाओं को जमीन पर लिटाया

वामा            Mar 25, 2015


स्वास्थ विभाग का कारनामा मल्हार मीडिया ब्यूरो मध्य प्रदेश में नसबंदी के बाद महिलाओं की मौत और उसके बाद विभागीय अधिकारियों पर हुई कार्रवाई से जिले के अफसर सबक नहीं ले रहे हैं अमानीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खंडासा में सारे नियम कानून ताक पर रख नसबंदी के बाद महिलाओं को फर्श पर लिटाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। बावजूद इसके सीएचसी अधीक्षक डॉ. वाईपी मौर्य ने खुद इसे स्वीकार करते हुए कहा कि जिसकी जो मर्जी आए वह कर सकता है। जिले में सरकारी अस्पताल में इलाज और नसबंदी कराने आने वाली महिलाओं को सुविधाएं नहीं दी जा रही है। अस्पताल में नसबंदी कराने के लिए आने वाली महिलाओं को वार्ड में बेड पर भर्ती करने के बजाय बरामदे में फर्श पर लिटाया जा रहा है। मंगलवार को सीएचसी खंडासा में रजमता पत्नी रामशंकर निवासी मठिया और रेखा पत्नी रजनीश निवासी विष्णुपुर बल्दीसराय सुल्तानपुर ने नसबंदी कराने के लिए आईं थी। महिलाओं की नसबंदी के लिए जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. एके सिन्हा को जिला मुख्यालय से भेजा गया था। नसबंदी के बाद दोनों महिलाओं को वार्ड में बेड पर भर्ती करने के बजाए बरामदे में ही फर्श पर लिटा दिया गया। यह मामला दिन भर सीएचसी पर चर्चा का विषय बना रहा। उच्चाधिकारियों ने मामले की जानकारी से ही इन्कार किया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राधेश्याम यादव का कहना है कि- ऐसा नहीं हो सकता है कि नसबंदी के बाद महिलाओं को फर्श पर लिटाया गया हो। 3० बेड के अस्पताल में बेड मौजूद है। महिलाएं अपने आप जाकर फर्श पर लेट गई होंगी।


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