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बीहड़ों से बॉलीवुड पहुंची अंजली

वामा            Jan 10, 2015


भिण्ड से अनिल यादव। बदले हुए परिदृश्य में औरतें सिर्फ घर का चूल्हा चौका करने में ही समय जाया नहीं करतीं, अवसर मिलने पर अपनी काबिलियत और मेहनत से ऊचाईयों का मुकाम भी हासिल कर सकती हैं। कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुव्यवस्था पर कुठाराघात कर चंबल घाटी के केन्द्र बिन्दु भिण्ड जिले के किशूपुरा गांव की रहने वाली अंजलि भदौरिया अंजू के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। गांव से अपनी पढ़ाई कर संघर्ष और मेहनत की आंच में तपकर कुंदन हुई गांव की अंजली ने बालीवुड में अपनी प्रतिभा के झंडे गाड़े हैं। मुम्बई पहुंची अंजलि ने किशूपुरा को सुर्खियों में ला दिया है। देश में गांव का नाम रोशन करने पर गांव के लोग यहां कन्या के जन्म से घबराते नहीं हैं, बल्कि उसे लक्ष्मी का अवतार मानकर उसका स्वागत करते हैं। अंजलि ने अपनी मेहनत और आत्म विश्वास से आत्मनिर्भरता की एक ऐसी कहानी लिखी है, जिसने किशूपुरा को एक नई शक्ल और एक अलग पहचान दी है। अंजलि के लिए बॉलीवुड में कदम रखना किसी ख्वाब से कम नहीं था। भिण्ड के छोटे से गांव से फिल्मी दुनिया तक का सफर अंजलि के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। अंजलि के गांव किशूपुरा में जाकर इसका अंदाजा हो जाता है कि बोलीवुड में मुकाम बनाने के लिए कितनी मेहनत जरूरी है। आज भले ही चंबलघाटी को कुख्यात डाकुओं की शरणास्थली के रूप में जाना जा रहा हो, लेकिन लोग इससे भी अनभिज्ञ नहीं हैं कि चंबल के डाकुओं पर बनी देश की लोकप्रिय फिल्मों मुझे जीने दो, चंबल की कसम, पुतली बाई, डकैत, रिवाल्वर रानी आदि की शूटिंग चंबलघाटी के केन्द्र बिन्दु भिण्ड जिले के बीहड़ों में हुई थी। बीहड़ों से घिरे गांव से फिल्मी दुनिया तक पहुंचने वाली अंजलि ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह कभी वहां तक भी पहुंचेगी और वह फिल्मों में काम करेंगी। फौजी की बेटी अंजलि ने परिवार के प्रेरित किए जाने पर मोडलिंग की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के बाद बोलीवुड में कदम रखा। शुरू में उन्हें धारावाहिकों में काम मिला। इनकी सफलता से उन्हें फिल्में भी मिलने लगीं। उन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिल में एक खास मुकाम बनाया। फिर फिल्में भी मिलीं। वह हर धारावाहिक एवं फिल्म से अभिनय के नये शिखर को छूती जा रही हैं और काम के प्रति उनका समर्पण बरकरार है। अब शायद वे ग्लैमर की दुनिया में पूरी तरह रच बस गई हैं। अंजलि अदालत, सावधान इंडिया, महादेव, नैंसी कैसी है ये जिंदगानी आदि में काम कर चुकी हैं। अंजलि अनिल शर्मा के डायरेक्शन में बन रही फिल्म में बहुत जल्द नजर आएंगी। इसके अलावा अभी डीडी वन पर चल रहे धारावाहिक संकट मोचन हनुमान में लक्ष्मी का किरदार निभा रही हैं। डीडी लखनऊ पर हर बुधवार को शाम 4.30 बजे आ रहे सामाजिक सरोकार से जुड़े धारावाहिक गंगा-जमुना में गंगा का रोल कर रही हैं। इसके अतिरिक्त जीटीवी राजस्थान पर शीघ्र रात्रि 9 बजे से आने वाले घूंघट धारावाहिक में वह अनीता के किरदार में नजर आएंगी। जनवरी 2014 से डीडी वन पर सोमवार को आरंभ जय शिव ओंमकारा धारावाहिक में अंजलि चन्द्रमा की पत्नी रोहिणी के किरदार में नजर आएंगी। वह एक भोजपुरी फिल्म में लीडरोल करेंगी, जिसकी शूटिंग चम्बल घाटी में भी संभावित है। अंजलि ने कहा, इस मुकाम तक पहुंचने के लिए मैने काफी मेहनत की है। मैं खुश हूँ कि मैं धारावाहिक एवं फिल्में पाने में सफल रही। बेटियों को सलामत रखने और सलोने सपने बुनने की सोच देने के पीछे एक नहीं अनेक लोग, संस्थाएं और सरकार है। चंबल घाटी का भिण्ड जिला इस बात का गवाह है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों के अनुरूप बेटियों को बचाने और बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। बेटी बचाओ अभियान को लेकर बेटियों के संरक्षण पर बने वृत्तचित्र में भी अंजलि ने काम किया।


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