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वयस्क लड़कियों को नारी निकेतन में न रखें:हाईकोर्ट

वामा            Mar 20, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो इलाहबाद हाई कोर्ट ने नारी निकेतन, मथुरा में निरूद्ध लगभग 4 दर्जन वयस्क लड़कियों को तुरंत छोड़ने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के पर इन लड़कियों को हाजिर किया गया था, जिसमें कोर्ट ने मेडिकल परीक्षण और अन्य साक्ष्यों से पाया कि लड़कियां वयस्क और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने कहा कि, उन्हें नारी निकेतन में नहीं रखा जा सकता। जस्टिस अमर सरन और जस्टिस रंजना पाण्डया की खण्डपीठ ने अन्नो उर्फ अन्नी की याचिका पर आदेश पारित करते हुए गुरुवार को कहा कि, अगर एक महिला वयस्क है तो मनचाहे साथी के साथ रहने का हक है। कोर्ट का इससे कोई लेना-देना नहीं है कि, महिला शादीशुदा है या नहीं। कोर्ट ने कहा कि, नारी निकेतन अथवा महिला सुधार गृहों में निरुद्ध महिलाओं और लड़कियेां के साथ वहां कैसा बर्ताव होता है, यह किसी से छिपा नहीं है। कोर्ट ने मथुरा नारी निकेतन में अपराधों के चलते निरुद्ध की गई लगभग 4 दर्जन लड़कियों को तलब किया था। कोर्ट के आदेश पर ऐसी सभी लड़कियों को हाई कोर्ट लाया गया था। हाई कोर्ट ने पेश की गई सभी लड़कियों को निर्देशित किया कि वे भी मैजिस्ट्रेट के सामने लिखित आश्वासन दें कि जब भी कोर्ट उनके बयान या साक्ष्य लेने के लिए बुलाएगी वे हाजिर होंगी।


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