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शादी से पहले ही दहेज की भेंट चढ़ गई गरीब की बेटी

वामा            Feb 16, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो शादी से पहले ही दहेज की मांग ने एक युवती की जान ले ली। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर मजदूर की बेटी की शादी तीन साल से दहेज के चलते नहीं हो पा रही थी। उसने बेटी के लिए रिश्ता तो कई बार तय किया लेकिन हर बार दहेज की डिमांड पूरी न कर पाने के चलते वह टूट गया। पिता की परेशानी देख बेटी भी टूट गई। उसने शनिवार को घर के कमरे में खुद को बंदकर आग लगा ली। कमरे का दरवाजा तोड़कर परिवारीजनों ने किसी तरह आग पर काबू पाया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। दोस्तपुर थानान्तर्गत बभनइया पूरब गांव निवासी रामदीन उर्फ मोहन निषाद अपनी इकलौती बेटी जानकी (22) की शादी के लिए तीन वर्ष से वर की तलाश कर रहा था। वह जहां भी जाता दहेज की मांग पूरी नहीं कर पाने की वजह से शादी तय नहीं हो पाती थी। कोई बाइक तो कोई दूसरे सामान की मांग करता। रामदीन की हैसियत के मुताबिक कोई भी शादी को तैयार हो हुआ। बार-बार शादी का रिश्ता टूटने से रामदीन के साथ बेटी भी परेशान थी। पिता की परेशानी और परिवार में शादी के लिए हो रही दिक्कतों को देख कुछ दिनों से जानकी गुमसुम रह रही थी। शनिवार सुबह करीब 11 बजे जानकी घर के अंदर कमरे में चली गई और दरवाजा बंद कर लिया। शरीर पर मिट्टी का तेल छिड़ककर उसने आग लगा ली। जानकी की चीख सुनकर परिवारीजनों ने खिड़की से अंदर का नजारा देखा तो दंग रह गए। वह कमरे में आग की लपटों में घिरी थी। परिवारीजनों ने किसी तरह से दरवाजा तोड़कर आग पर काबू पाया लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस छानबीन के लिए गांव पहुंची। आर्थिक तगी के कारण की आत्महत्या : एसओ एसओ दोस्तपुर निर्भय सिंह ने बताया कि जानकी की मौत जलने से हुई है। ग्रामीणों और पीड़ित परिवार वालों ने आर्थिक तंगी बताई है। पिता की मानें तो बेटी की शादी दहेज की मांग को लेकर टूट रही थी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। बभनइया पूरब गांव निवासी रामदीन उर्फ मोहन निषाद के परिवार में अब पत्नी विद्या देवी और तीन बेटे हैं। बेटों में गुड्डू, छोटका व बड़का मुंबई में मजदूरी करते हैं। जानकी अपनी मां व पिता के साथ गांव में ही रहती थी। रामदीन मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करता था। इकलौती बेटी की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। रामदीन का कहना था कि उसकी बेटी इकलौती होने के कारण मां और तीनों भाइयों का प्यार मिलता था। दहेज लोभियों की मांग और बार-बार शादी तय होने से पहले टूटने की वजह से बेटी परेशान रहती थी।


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