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सरकार से नाराज ज्वाला गुट्टा

वामा            Apr 02, 2015


मल्हार मीडिया ब्यूरो देश की शीर्ष महिला युगल बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने अनुदान राशि योजना में शामिल न किए जाने पर गुरुवार को सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। ज्वाला को रियो ओलम्पिक-2016 के लिए खिताब के संभावित दावेदार खिलाड़ियों को तैयारी के लिए धनराशि मुहैया कराने वाली योजना से बाहर रखा गया है। ज्वाला के साथ 2011 में विश्व चैम्पियनशिप के महिला युगल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली अश्विनी पोनप्पा को भी खेल मंत्रालय की 'टार्गेट ओलम्पिक पोडियम' (टीओपी) योजना से बाहर रखा गया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना का पहला लाभ बैडमिंटन को ही मिला। खेल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली कंपनी इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) से 30 मार्च को बैडमिंटन को मदद देने के लिए समझौता किया। समझौते के तहत कंपनी अपने सामाजिक दायित्व के अंतर्गत प्रति वर्ष 10 करोड़ रुपये की दर से अगले तीन वर्षों तक 30 करोड़ रुपयों का योगदान देगी। योजना से दोनों खिलाड़ियों को बाहर रखे जाने पर ज्वाला ने सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर गुरुवार को लिखा, 'अभी-अभी मुझे पता चला कि मुझे और अश्विनी को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है। हमारे पास सिर्फ भारत सरकार का ही समर्थन था..और अब वह भी कमजोर हो गया।' ज्वाला ने आगे लिखा, 'पहले से ही भरपूर कॉर्पोरेट मदद पा रहे खिलाड़ियों को इस सूची में भी शामिल किया गया है.. मुझे और अश्विनी को शामिल नहीं किया गया है। पता नहीं और क्या करना होगा..अब मैं थक चुकी हूं..निराश हूं। इस पर हम कुछ बोलेंगे तो इसे गलत कहा जाएगा..नहीं बोलेंगे तो हमें सूची से बाहर रखा जाएगा।' ज्वाला ने कहा कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद दोनों खिलाड़ियों ने देश का गौरव बढ़ाया है और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन के स्तर को बरकरार रखने के लिए सरकारी मदद की उम्मीद करती हैं। उन्होंने लिखा, 'युगल स्पर्धा में खेलने के लिए हमें कितनी कठिनाइयां झेलनी पड़ीं, इसके बावजूद हमने अपेक्षा से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया..लेकिन बैडमिंटन संघ की ओर से लगातार हमें हतोत्साहित किया गया और अब सरकार की ओर से भी..ऐसी अपेक्षा कैसे की जा सकती है कि हमीं खुद को प्रोत्साहित करें!


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