मल्हार मीडिया ब्यूरो कटनी ।
आमतौर पर कुली शब्द सुनते ही मनमस्तिष्क में छवि कौंधती है लाल यूनिफार्म पहने पुरूष की। जो रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सामान ढोते हैं।
लेकिन मध्यप्रदेश के कटनी स्टेशन पद कुली नंबर: 36 का बिल्ला यूनिफार्म पर लगाए एक महिला दिखाई दे जाती है। जिसे लोग आश्चचर्य से देखते हैं।
संध्या नाम की इस महिला कुली ने पति की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी उठाने और बच्चों को पढ़ाने और स्वाभिमान से जीने के लिए कुली का काम शुरू कर दिया।
संघ्या कहती हैं भले ही मेरे सपने टूटे हैं, लेकिन हौसले अभी जिंदा है।
जिंदगी ने मुझसे मेरा हमसफर छीन लिया, लेकिन अब बच्चों को पढ़ा लिखाकर फौज में अफसर बनाना मेरा सपना है।
इसके लिए मैं किसी के आगे हाथ नहीं फैलाऊंगी। कुली नंबर 36 हूं और इज्जत का खाती हूं।”
31 वर्षीय महिला कुली संध्या को देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं।
कटनी स्टेशन पर 45 पुरूष कुली के बीच संध्या अकेली महिला कुली हैं।
की अच्छी परवरिश का जिम्मा अपने कंधो पर लिए, यात्रियों के सामान का बोझ ढो रही हैं।
रेलवे कुली का लाइसेंस अपने नाम बनवाने के बाद संध्या हर चुनौति का सामना करते हुए स्वाभिमान के साथ यह काम कर रही हैं।
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