मल्हार मीडिया।
पाकिस्तानी सरकारी टीवी चैनल (PTV) की दो एंकर्स को उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना महंगा पड़ गया। इन दोनों एंकर्स की मदद करने या आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय सरकार ने इन दोनों ही एंकर्स पर बैन लगा दिया। बताया जा रहा है कि इन दोनों ने एक अफसर के खिलाफ सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए और बाद में सोशल मीडिया और टॉक शोज में इस बारे में बात की। दोनों एंकर्स के नाम तंजीला मजहर और यासफीन जमाल हैं और आरोपी अफसर का नाम अागा मसूद शोरिस है।
20 जनवरी को पाकिस्तान टीवी मैनेजमेंट ने एक सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा गया कि ऑर्गनाइजेशन के कुछ इम्प्लाइज इसके बारे में सोशल मीडिया पर कमेंट कर रहे हैं। चैनल ने कहा कि इससे ऑर्गनाइजेशन की बदनामी हो रही है। सर्कुलर में कहा गया- "24 घंटे के अंदर इन इम्प्लाइज को सोशल मीडिया से अपने कमेंट डिलीट करने होंगे। ऐसा नहीं करने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।"
एंकर्स ने डिलीट नहीं किए कमेंट
मैनेजमेंट की वॉर्निंग के बावजूद तंजीला और यासफीन ने ना तो अपने कमेंट डिलीट किए और ना माफी मांगी। इतना ही नहीं, रविवार को दोनों टीवी एंकर्स प्राइवेट टीवी चैनल एक्सप्रेस के टॉक शो में शामिल हुईं। प्रोग्राम के दौरान दोनों ने आरोप दोहराए।
इसके बाद चैनल ने दोनों एंकर्स के खिलाफ एक्शन लिया। 22 जनवरी को दोनों एंकर्स पर बैन लगा दिया गया। पीटीवी के कंट्रोलर (करंट अफेयर्स) हबीब-उर-रहमान ने पीटीपी न्यूज से जुड़े किसी भी प्रोग्राम में दोनों के भाग लेने पर रोक लगा दी।
रहमान के हवाले से जारी एक बयान में तंजीला और यासफीन पर ये आरोप दोहराया गया कि उन्होंने चैनल की इमेज खराब की है। बयान में कहा गया है कि एंकर्स के आरोपों की जांच एक मजिस्ट्रेट द्वारा कराई जा रही है। इसके अलावा, इंटरनल इन्क्वायरी भी की जा रही थी। ऐसे में, उन्होंने सोशल मीडिया और टॉक शोज का सहारा लेकर गलती की है।
पाकिस्तान में एक हफ्ते से इस मसले पर सोशल मीडिया में चर्चा हो रही है। तंजीला ने अपने टि्वटर हैंडल पर आरोपों की जानकारी दी। इसके बाद उनके फेवर में कई लोगों ने कमेंट किए।
मजहर ने आरोपी मसूद से चैट के स्क्रीनशॉट अपने अकाउंट पर शेयर किए। तंजीला ने आरोप लगाया कि पीटीवी में महिलाओं से बंधक जैसा बर्ताव किया जाता है।
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए फुल ड्रेस रिहर्सल मंगलवार को शहर के लाल परेड ग्राउंड में हुई। रिहर्सल के दौरान स्कूली बच्चे ग्राउंड में पड़े मोटे-मोटे कंकड़-पत्थरों पर डांस करते नजर आए। चुभन और चोट का दर्द स्कूली बच्चों के चेहरे पर साफ नजर आ रहा था।पढ़ें पूरी खबर...
यह मामला मीडिया में आते ही नाराज स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने तत्काल जांच के आदेश दे दिए। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश देते हुए कहा कि, इस तरह के कार्यक्रमों की पूरी जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होती है। यदि बच्चों को किसी भी तरह का नुकसान होता है, तो संबंधित सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों ने लिया जायजा
आधिकारिक जानकारी के अनुसार पुलिस महानिदेशक ऋषि शुक्ला और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसएएफ) केएन तिवारी ने परेड एवं समारोह व्यवस्थाओं का जायजा लिया। एसएएफ के हेड कांस्टेबल रामचन्द्र कुशवाह ने मुख्य अतिथि का अभिनय करते हुए ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली।
ये कार्यक्रम रहे खास
इसके बाद हर्ष फायर के बीच पुलिस बैण्ड दल ने सेवानिवृत्त निरीक्षक शेख रजा उल्लाह के निर्देशन में ‘जन गण मन‘ की धुन बजाई। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत दिनों हैदराबाद में हुई डीजीपी कान्फ्रेंस में अंतरराज्यीय पुलिस समन्वय मजबूत करने के लिए गणतंत्र दिवस परेड में अन्य प्रदेश का दल शामिल करने के निर्देश दिए थे। इसी के अनुपालन में उत्तरप्रदेश एसएएफ का दल भोपाल में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुआ है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश पुलिस का दल उत्तरप्रदेश में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में भाग ले रहा है।
ये अतिथि हुए शामिल
शेख रजा उल्लाह के निर्देश में पुलिस बैण्ड ने आकर्षक संगीतमयी परेड प्रस्तुत की। उप निरीक्षक अंबिका प्रसाद दुबे के नेतृत्व में श्वान दल और उप निरीक्षक चरण सिंह यादव व धनवंतरी ठाकुर के नेतृत्व में अश्वारोही दल ने भाग लिया।
फुलड्रेस अभ्यास परेड के दौरान खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, एडीजी व स्पोर्ट्स डायरेक्टर उपेंद्र जैन, भोपाल संभाग कमिश्नर अजातशत्रु, पुलिस महानिरीक्षक योगेश चौधरी, कलेक्टर निशांत बरबड़े, एसएसपी. रमन सिंह सिकरवार, एसपी. अरविंद सक्सेना सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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