Breaking News

वीथिका

ऋचा अनुरागी। ओ,मेरे नादान पड़ोसी मैंने तो सोचा था, मेहँदी की बागुड़ होगी और पुरा-भर की हथेलियों...
Jul 19, 2016

ऋचा अनुरागी। मैं अनेकों बार भावुक हो,सोचने लगती हूँ, मैं हिन्दू हूँ, जैन हूँ, मैं धार्मिक हूँ, नास्तिक तो नहीं।सर पकड़कर बैठ...
Jul 12, 2016

ऋचा अनुरागी। प्यार की खुशबू वहाँ आती थी गलियों से हो-के आई है हवा भी उनकी गलियों से । प्रज्ञा शुक्रिया! जो...
Jul 05, 2016

ऋचा अनुरागी। हमारा घर और उसका आँगन खुश्बूओं से पहचाना जाता था। रसोई घर की सौंधी महक ,बगीचे के हर मौसम में बदलती खुशबू...
Jun 28, 2016

मल्हार मीडिया। ब्यूरो। वंदे मातरम भारत का राष्ट्रीय गीत है। इसकी रचना बंकिमचंद्र चटर्जी ने की थी। अरबिंदो घोष ने इस गीत का अंग्रेज़ी में और वरिष्ठ साहित्यकार मदनलाल वर्मा क्रांत ने वंदे हिन्दी में...
Jun 27, 2016

ऋचा अनुरागी। अचानक से लगा कि कुछ बहुत गड़बड़ हो गई है ,देर रात दुष्यंत अंकल का घर पर आना अक्सर ही होता...
Jun 21, 2016

सोमदत्त शास्त्री। फिर वही घडियाली आंसू! नमन -श्रधांजलि इत्यादि..पर कोई बता सकता है रानी झाँसी के वंशज आखिर कहाँ हैं! राष्ट्रप्रेम की बड़ी- बड़ी...
Jun 17, 2016

मुंबई से पी.कुमार संभव। गम्भीर साहित्य लेखन के शिखर पुरुष और हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार प्रो. भगीरथ दीक्षित अब हमारे बीच नहीं रहे. पिछले लगभग 15 दिनों से वे मुंबई के अँधेरी स्थित हॉली स्पिरिट...
Jun 14, 2016

ऋचा अनुरागी। मानव-मानव में कोई विच्छेद नहीं होगा गेलोली के कूल कन्हैया,रास रचाएगा यमुना के तट ईशु अपनी भेड़...
Jun 14, 2016

संजय जोशी सजग। एक बार एक शिष्य ने अपने गुरु से पूछा कि जश्न किसे कहते हैं? गुरूजी बोले -अपने वादे और सपने...
Jun 12, 2016