मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुए एक साल हो चुके हैं। पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के एक साल पूरे होते ही पुलिस ने शनिवार देर रात कांबिंग गश्त की।
छह घंटे की गश्त के दौरान 987 से ज्यादा बदमाशों को गिरफ्तार किया गया, इन आरोपितों में से कई लोग 10 सालों से फरार चल रहे हैं।
यह काम्बिंग गश्त कमिश्नरी प्रणाली की पांचवी गश्त थी, जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
इस कार्रवाई मन लगभग 1200 पुलिसकर्मी, 200 गाड़ियों में रात भर शहर में दश्त करते रहे।
ज्ञातव्य है कि यह कार्रवाई रात 12 बजे से सुबह के छह बजे तक चली। इस छह घंटे की कार्रवाई में 483 गिरफ्तारी वारंट तामील कराए गए।
वहीं 467 स्थाई वारंटी और 37 जिला बदर समेत करीब कुल 987 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इस गश्त कार्रवाई में जिला बदर बदमाशों को भी गिरफ्तार किया गया है।
इस कार्रवाई में हर एक थाने से पांच पुलिसकर्मी की टीम तैयार की गई, इस टीम के साथ रिजर्व पुलिस बल की टीमें भी काम कर रही थी।
यह कार्रवाई शनिवार रात को पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर और एडी सीपी सचिन अतुलकर के नेतृत्व में शुरू की गई थी।
पुलिसकर्मियों के इस कॉम्बिंग गश्त को एक तरह का प्रशिक्षण कहा जा रहा है।
इस कमिश्नर प्रणाली को लागू करने के पीछे का मकसद कानून व्यवस्था को बनाए रखना और इमरजेंसी में कम समय में ज्यादा से ज्यादा बल को एकत्रित कर सुरक्षा व्यवस्था तुरंत सख्त करना है।
गौरतलब है कि बदमाशों को इस कार्रवाई की भनक तक नहीं लग पाई और ना ही उन्हें भागना का मौका मिल पाया।
इस दौरान जिला बदर इरफान नंगे नाम का बदमाश पुलिस के हाथ लग गया।
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