मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में आसन्न विधानसभा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा फुल एक्विटव मोड में है।
इसी के मद्देनजर आज मंगलवार 18 अप्रैल को प्रदेश मुख्यालय में पार्टी कोर ग्रुप की बैठक हुई ।
जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ सत्ता और संगठन के कई बड़े नेता शामिल हुए हैं, जिनके बीच पार्टी की मजबूती और कमजोरियों पर चर्चा हुई है।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों बीजेपी ने पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को प्रदेशभर में जमीनी फीडबैक लिया था। बैठक में फीडबैक पर ही चर्चा हुई है। इसके आधार पर सत्ता और संगठन के नेता जो फैसला लेंगे उसी के आधार पर आगे की रणनीति तैयार होगी।
बताया जा रहा है कि चुनाव के पहले सभी नाराज नेताओं को मनाने का प्रयास किया जाएगा। जमीनी फीडबैक् में सुनवाई नहीं होने से नाराज कार्यकर्ताओं की सूची लंबी है। क्योंकि पार्टी के कार्यकर्ता वर्तमान विधायकों और दावेदारों से रूठे हुए हैं। ऐसे में 14 वरिष्ठ नेताओं कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया है। इसके अलावा पूर्व कैबिनेट का हिस्सा रहे नेता भी समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
पार्टी ने नाराज नेताओं को मनाने की कवायद जल्द शुरू करने की बात कही है। बताया जा रहा है कि बैठक में फैसला लिया गया है, डैमेज कंट्रोल के लिए पार्टी के नेताओं की एक टीम बनाई जाएगी। कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला हुआ है, इस टीम में शिवराज सरकार के कुछ मंत्रियों को भी रखा जाएगा।
यह टीम प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में उतरकर सर्वे करेगी। बैठक में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने नाराजगी दूर करना पहला काम बताया है।
बताया जा रहा है कि दावेदारों की बड़ी फौज है। कई विधानसभा सीटों पर एक अनार सौ बीमार के हालात बने हुए हैं।
विधायकों के साथ दूसरे दावेदार भी हैं खुलकर क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। यह सभी दावेदार लोगों के बीच पहुंचकर अपनी दावेदारी कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तनातनी सिंधिया समर्थक विधायकों की सीट पर देखी जा रही है।
इसके अलावा शिवराज सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी एक बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि बीजेपी में वैकेंसी फुल हो चुकी है।
इसलिए फिलहाल पार्टी में अगर किसी को आना है, तो उनके बारे में सोचा जाएगा। उनके इस बयान से इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि फिलहाल दूसरी पार्टी के नेताओं को शामिल नहीं कराया जाएगा।
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