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एडीजीपी ने सुसाइड नोट में 10 अफसरों को जिम्मेदार ठहराया

खास खबर            Oct 09, 2025


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

हरियाणा के सीनियर पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार द्वारा चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। इस बीच पूरन कुमार द्वारा लिखे 8 पन्नों का सुसाइड नोट सामने आया है। IPS अधिकारी का सुसाइड नोट सामने आने के बाद कई राज खुले हैं। इसमें उन्होंने खुदकुशी के लिए DGP, ADGP और SP रैंक के 10 अफसरों को जिम्मेदार ठहराया हैं।

सुसाइड नोट में किन अफसरों के नाम?

सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और पूर्व डीजीपी मनोज यादव पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही IPS पूरन के सुसाइड नोट में आईपीएस संदीप खिरवार कला रामचंद्रन, अमिताभ ढिल्लों पर भी प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए हैं। इसमें आईपीएस संजय कुमार और पंकज नैन का भी सुसाइड नोट में जिक्र किया गया है। पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल और आईपीएस शिबास कविराज के साथ फॉर्मर चीफ सेक्रेटरी रहे टीवीएसएन प्रसाद को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

शत्रुजीत कपूर, डीजीपी, हरियाणा, आरोप- अपने वेतन एरियर 1 जनवरी 2015 से प्रभावी रूप से प्राप्त कर लिए लेकिन जब मैंने सामान आधार पर मांगे तो मुझे सार्वजनिक रूप से तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज और अतिरिक्त मुख्य सचिव होम टीवीएसएन प्रसाद के सामने विरोध करके मेरे एरियर रुकवा दिये। झूठी शिकायतें करने, आधिकारिक आवास और सरकारी वाहन के लिए अतिरिक्त शर्तें थोपने के आरोप।

संजय कुमार, एडीजीपी, 1997 बैच, आरोप- सार्वजनिक रूप से अपमानित करने और झूठे आरोप लगाए।

पंकज नैन, आईजीपी, 2007 बैच , आरोप- मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और झूठे आरोप लगाकर APR Report खराब करने की साजिश करी। साजिश करके मेरे खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज करवाई और उन्हें प्रसारित भी किया।

कला रामचंद्रन, आईपीएस 1994 बैच, आरोप - झूठी शिकायतों के आधार पर परेशान करने की साजिश।

संदीप खिरवार, आईपीएस 1995 बैच, आरोप- गुरुग्राम में संयुक्त पुलिस आयुक्त के पद से ट्रांसफर के बाद मेरे खिलाफ झूठे मामलों के साजिश रची। इस मामले में संदीप खिरवार मुख्य साजिशकर्ता।

सिबाश कविराज, आईपीएस 1999 बैच, आरोप- गुरुग्राम में मेरी पोस्टिंग के दौरान झूठी शिकायतों में शिकायतकर्ता।

मनोज यादव, पूर्व डीजीपी आईपीएस 1998 बैच, आरोप- अंबाला में एक पुलिस थाने में मंदिर जाने के बाद जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न शुरू करने का आरोप।

पी के अग्रवाल, पूर्व डीजीपी आईपीएस 1988 बैच, आरोप- मेरे बैचमेट थे लेकिन लगातार मेरे खिलाफ भेदभाव पूर्ण जाति आधारित मानसिक उत्पीड़न करने वालों में शामिल रहे।

टीवीएस एन प्रसाद, आइएएस 1988 बैच, आरोप- मेरे बैचमेट भेदभावपूर्ण जाति आधारित मानसिक उत्पीड़न करने वालों में शामिल।

राजीव अरोड़ा, आइएएस, पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, आरोप- पिता के अंतिम समय के दर्शनों के लिए अवकाश की अनुमति नहीं दी। जिसकी वजह से पिता की मृत्यु से पहले उनसे अंतिम बार नहीं मिल पाए। यही जीवन का सबसे बड़ा दर्द।

एडीजीपी अमिताभ ढिल्लों, आरोप - आरटीआई जानकारी मांगने पर दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही की। वेतन से की गई मेरी बचत को सरकारी रिकॉर्ड में संदिग्ध नकद प्रविष्टि करार कर दिया।

‘मानसिक प्रताड़ना’ का जिक्र

पूरन कुमार ने आठ पन्नों के टाइप और हस्ताक्षर वाले अपने ‘सुसाइड नोट’ में अपने करियर के दौरान आई कई समस्याओं का जिक्र किया है। कई कारणों ने उन्हें यह आत्मघाती कदम उठाने के लिए प्रेरित किया होगा। आईपीएस अधिकारी ने बताया कि कुछ अधिकारियों द्वारा उन्हें ‘मानसिक प्रताड़ना’ दी गई।

IAS अधिकारी हैं पत्नी

वहीं, आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार बुधवार को जापान से यहां लौट आईं। अमनीत आईएएस अधिकारी हैं और हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव पद पर कार्यरत हैं। अमनीत पी.कुमार मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ जापान गई थीं।

किस बैच के अधिकारी थे पूरन कुमार?

52 वर्षीय वाई. पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और वह मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास में मृत पाए गए।  उनका शव सेक्टर 11 स्थित घर के बेसमेंट स्थित एक कमरे में मिला और उन्हें गोली लगी हुई थी। घटनास्थल से एक वसीयत और 8 पन्नों का नोट भी मिला है जिसे जब्त कर लिया गया।

पूरन कुमार को हाल ही में रोहतक के सुनारिया में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (PTC) के महानिरीक्षक के रूप में तैनात किया गया था। पूरन कुमार इससे पहले रोहतक रेंज के आईजी पद पर तैनात थे और हाल ही में उनका तबादला सुनारिया में हुआ था। अंबाला, रोहतक और कुरुक्षेत्र सहित हरियाणा के कई जिलों में सेवा दे चुके आईपीएस अधिकारी पूरन ने इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया था और वह मई 2033 में रिटायर्ड होने वाले थे।

हेड कांस्टेबल ने पूरन कुमार के नाम पर मांगी थी रिश्वत?

इस बीच, रोहतक में एक शराब ठेकेदार ने एक हेड कांस्टेबल के खिलाफ उससे रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दर्ज करवाई थी। हेड कांस्टेबल सुशील कुमार को रोहतक पुलिस ने सोमवार को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। शराब ठेकेदार ने आरोप लगाया था कि हेड कांस्टेबल ने पूरन कुमार के नाम पर ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। पुलिस ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है।

 


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