नितिन मोहन शर्मा।
फुटबॉल वर्ल्ड कप याद है न? अभी बीता। कतर में हुआ था। इस एकमात्र मेगा इवेंट ने कतर के दोहा शहर को दुनिया मे स्थापित कर दिया। राजनीति और भूगोल में रुचि रखने वालों को छोड़ अन्यथा कितने लोग थे जो दोहा को जानते पहचानते थे?
बस आपकी हमारी अहिल्या नगरी इन्दौर के भाग्य में भी ये ही पल आ गया है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन, ग्लोबल समिट ओर जी-20 देशों का मेगा इवेंट इन्दौर की तकदीर का टर्निंग पॉइंट साबित होगा। और हो भी क्यो नही?
इन्दौर आज देश ही नही, दुनिया मे सफाई का ब्रांड बन गया है। सेवन स्टार रैंकिंग वाला शहर है। वाटर प्लस सिटी का तमगा भी हमारे पास है। एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट इस शहर में है।
देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट भी इन्दौर के आसपास आकार लेने वाला है। देश के मेगा शहरों से सीधे कनेक्टिविटी है। आईटी, एजुकेशन, फ़ूड ओर आटो इंडस्ट्री हमारी पहचान बन चुकी है। देश के रहने लायक शहरों में इन्दौर शुमार है जहां बड़े शहरों और मेट्रो सिटी की तुलना में 50 फीसदी से कम खर्च में जीवन यापन सम्भव है। सुरक्षित, शांत और संस्कारित शहर।
इन्दौर आज सेंट्रल इंडिया की ग्लोबल सिटी बन चुका है। सफाई, खानपान, उद्योग, आईटी, एजुकेशन, टूरिज्म हमारी पहचान बन चुकी है। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू जैसी मेगा सिटी से सीधे कनेक्टिविटी वाले इस शहर में असीम अवसर और सम्भावनाओ का खुला आसमान है।
आने वाला साल इन्दौर की उपलब्धियों में चार चांद लगाएगा। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट यहां बन रहा है जो दिल्ली के एयरपोर्ट से ढाई गुना तक बड़ा होगा। पीथमपुर उद्योग का बड़ा केंद्र बन गया है। स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क इन्दौर की दशा दिशा बदलने को तैयार है। 1200 एकड़ में फैले इस पार्क में ऑटो, फार्मा, फ़ूड इंडस्ट्री का हब बनने जा रहा है। 90 उद्योग यहां स्थापित हो रहे है।
अकेले इस पार्क से सालाना 10 हजार करोड़ का उत्पादन होना है। पर्यटन सेक्टर में अगले एक साल में 1 हजार करोड़ खर्च होना है।
इन्दौर, अब इंडिया का ब्रांड बनने की राह पर तेजी से बढ़ चला है। इस शहर में असीम सम्भावनाओ के द्वार है। इसी साल ये शहर प्रदेश के स्टार्टअप का केंद्र बनने जा रहा है जिसमे 17 देशों के 40 एनआरआई निवेश करेंगे। देश मे बढ़ती ई व्हीकल की डिमांड पूरी करने का केन्डे भी इन्दौर बन गया है। पीथमपुर में इलेक्ट्रिक व्हीकल से जुड़ी 10 नई कम्पनियों ने काम भी शुरू कर दिया है।
देश दुनिया की नामचीन डाबर ओर राल्सन जैसी कम्पनियों ने भी हमारे यहां काम शुरू कर दिया है। एक कम्पनी 600 करोड़ तो दूसरी 1200 करोड़ का उत्पादन करेगी।
70 देशों के 3200 प्रवासी भारतीयों की इस शहर में मौजूदगी तो ये ही दर्शाती है कि इन्दौर अब नए इंडिया का ब्रांड बन गया है।
इस ब्रांड को स्थापित करने में भारत सरकार की अहम भूमिका भी है जिस पर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को हर हाल में खरा उतरना है। जिसका शंखनाद आज से हो गया है।
तीन दिन प्रवासी भारतीय सम्मेलन, फिर ग्लोबल समिट ओर उसके बाद दुनिया के टॉप 20 देशों की बैठक का केंद्र भी हमारा इन्दौर ही है। आखिरकार इंडिया का नया ब्रांड जो बन चुका है आप हम सबका-इंदौर।
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