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रिटायर्ड आईएएस थेटे और उनकी पत्नी पर 20 साल बाद लोकायुक्त ने की एफआईआर

खास खबर            Feb 08, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के रिटायर्ड आईएएस रमेश थेटे और उनकी पत्नी पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में 20 साल बाद लोकायुक्त ने एफआईआर दर्ज की है।

रमेश थेटे ने पत्नी मंदा थेटे के नाम पर 68 अलग-अलग बैंकों से लोन लिया था और साल 2012-13 में इस लोन को अल्प अवधि में वापस जमा कर दिया था।

जांच में तत्कालीन आय के परिप्रेक्ष्य में अनुपातहीन संपत्ति होना पाया गया है और इसी के आधार पर रमेश थेटे व उनकी पत्नी मंदा थेटे के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

लोकायुक्त केसो में फंसने वाले रमेश थेटे व उनकी पत्नी पर रिटायरमेंट के बाद एक बार फिर एफआईआर दर्ज हुई है।

ये वे आईएएस रहे हैं, जिन्होंने सीएम शिवराज सिंह पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया था।

IAS रमेश थेटे ने रिटायर होने से पहले सीएम शिवराज सिंह को प्रमोशन को लेकर चिट्ठी लिखी थी, लेकिन इसके बावजूद उनका प्रमोशन नहीं किया गया।

थेटे ने आरोप लगाया था कि दलित होने के कारण उन्हें कलेक्टर नहीं बनाया गया।

रमेश थेटे ने आईएएस राधेश्याम जुलानिया पर जातिवादी होने का आरोप लगाया तो वहीं आईएएस जेएन कंसोटिया के आरक्षण बचाओ आंदोलन की रिजर्व केटेगरी के होने के बाद भी खिलाफत की थी।

 2016 में उन्हें आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया के अधीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में सचिव बनाया गया, लेकिन जब उन्हें कार्य आवंटन में मनचाहा काम नहीं मिला तो उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।

उसमें जुलानिया पर जातिवादी मानसिकता का आरोप लगाया था. उसी दौरान आईएएस अधिकारी जेएन कंसोटिया के संगठन द्वारा आरक्षण बचाओ आंदोलन चलाया गया था, लेकिन थेटे ने आरक्षित वर्ग के होने के बाद भी उनकी खिलाफत की थी।

रिटायरमेंट के बाद उन्होंने मीडिया को लिखित में अपने साथ सरकार द्वारा पक्षपात का व्यवहार करने का आरोप भी लगाया।

 



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