मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्य प्रदेश के सागर में कलेक्टर के लिए कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने आपत्ति जनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
पूर्व मंत्री के इस बयान के बाद सागर में राजनीतिक घमासान मच गया है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी के नरयावली विधायक से चिर प्रतिद्वंदी विधायक प्रदीप लारिया ने उनके इस बयान को अमर्यादित बताते हुए कहा है कि नरयावली की जनता ने सुरेंद्र चौधरी को तीन बार हराकर हार की हैट्रिक दी है।
इस तरह का बयान मानसिक विक्षिप्त ही दे सकता है। मुझे उनकी शिक्षा पर भी शंका है।
दरअसल में बीते दिन कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कलेक्टर को 'उल्लू का पट्ठा' और 'मुख्यमंत्री का चापलूस' कह डाला था।
वे मकरोनिया में हुए जग्गू हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी में हो रही देरी प्रशासन के खिलाफ बोल रहे थे।
उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पूर्व मंत्री कलेक्टर का नाम लिए बिना ही आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था।
पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कहा था 'ये कलेक्टर उल्लू का पट्ठा है'। वे यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि राज्य में कई योजनाओं के ठेके हो रहे हैं। आंगनबाड़ी के ठेके हो रहे हैं। आजीविका मिशन के भी ठेके हो रहे हैं, ये कलेक्टर उल्लू का पट्ठा है। ये कहता है कि इसको ठेका दो, उसको ठेका दो।
यह कहते हुए उन्होंने कलेक्टर को चापलूस भी कह डाला। इसके बाद उन्होंने कहा कि ये कहां का नियम है, किस कानून में लिखा है। विकास यात्राएं चलाते हो।
विकास यात्राओं के लिए स्पष्ट निर्देश है कि शासन का प्रतिनिधि इसकी अगुवाई करेगा। आपने निकाल दिया, विधायकों की परामर्शी यात्राएं निकाली जाएंगी। तुम्हारे पिताजी देंगे क्या पैसा। सरकार के खजाने से जाता है।
अब भाजपा विधायक प्रदीप लारिया ने पत्रकार वार्ता कर पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी के इस बयान को लेकर उन्हें आड़े हाथों लिया है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो आप हत्याकांड को लेकर धरना प्रदर्शन करते हो दूसरी तरफ कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस की प्रदेश महासचिव शरद खटीक कहती हैं कि बिल्डिंग गलत तरीके से गिराई गई है। तब कहाँ थे सुरेंद्र चौधरी? यह दोहरा चरित्र नहीं चलेगा।
22 दिसम्बर की रात मकरोनिया चौराहे पर हुए गुप्ता परिवार से विवाद में एक थार गाड़ी से जग्गू यादव की कुचलकर हत्या कर दी थी। अगले दिन मकरोनिया चौराहे पर यादव समाज ने जमकर प्रदर्शन किया था। 3 जनवरी को आरोपियों के चार मंजिला होटल को बारूद लगाकर उड़ा दिया गया था। अब भी इस मामले में कई आरोपी फरार हैं।
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