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15-20 दिन में पूरी हो टेण्डर प्रक्रिया, सड़कों का रखरखाव कार्य समय-सीमा में हो:सीएम शिवराज

खास खबर            Feb 20, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सड़कों के रख-रखाव का कार्य समय-सीमा में हो।

अगले 15 से 20 दिन में टेण्डर की प्रक्रिया पूर्ण कर, एजेंसी निर्धारित करते हुए मई माह तक सभी सड़कों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए।

इससे वर्षा ऋतु में नागरिकों को सुविधा होगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्य गुणवत्तापूर्ण हो। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

प्रदेश के नगरों की आंतरिक सड़कें ठीक हों और नागरिकों का जीवन सुगम हो, इस उद्देश्य से प्रदेश के इतिहास में पहली बार राज्य सरकार अपने बजट से नगरीय निकायों को सड़कों के रख-रखाव के लिए राशि उपलब्ध करा रही है।

सड़कों का रख-रखाव नगरीय निकायों का दायित्व है। नगरीय निकायों के पास सड़कों के रख-रखाव के लिये पर्याप्त राशि की उपलब्धता हो यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा कायाकल्प अभियान शुरू कर नगरीय निकायों को राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निकायों को अपने स्तर पर संसाधनों के स्त्रोत विकसित करने के लिए पहल करनी होगी। इस दिशा में इंदौर नगर निगम द्वारा ग्रीन बॉण्ड जारी करने का नवाचार अनुकरणीय है।

मुख्यमंत्री चौहान ने आज कुशाभाऊ ठाकरे सभागार से प्रदेश के 413 नगरीय निकायों की सड़कों के लिए कायाकल्प अभियान में 750 करोड़ रूपए स्वीकृत और 350 करोड़ रूपये की प्रथम किस्त सिंगल क्लिक से नगरीय निकायों को अंतरित की।

कायाकल्प अभियान में नगरीय निकायों की सड़कों के उन्नयन के लिये जनसंख्या की श्रेणी के आधार पर राशि आवंटित की गई। दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों के लिये 25 करोड़, दो लाख से 10 लाख तक की जनसंख्या वाले नगरों को 7 करोड़, एक से 2 लाख तक की जनसंख्या पर 3 करोड़, 50 हजार से एक लाख तक की जनसंख्या पर 2 करोड़ 50 लाख, 30 से 50 हजार तक की जनसंख्या पर एक करोड़ 60 लाख, 20 से 30 हजार तक की जनसंख्या पर एक करोड़ और 20 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों को 50 लाख रूपये अंतरित किये गये।

कार्यों की निगरानी के लिये राज्य संचालनालय और संभाग स्तरीय समिति का गठन किया गया है। गुणवत्ता नियंत्रण के लिये संभाग स्तरीय मोबाइल टेस्टिंग लेब की स्थापना की गई है। राज्य स्तरीय क्वालिटी मॉनिटर्स मनोनीत किए गए हैं। शहरों के जिन मार्गों में आवागमन अधिक होता है, उनका उन्नयन प्राथमिकता से किया जायेगा।

कार्यक्रम से प्रदेश के 413 नगरीय निकाय वर्चुअली जुड़े। मुख्यमंत्री ने इंदौर, मंदसौर, जौरा, रामपुर नेकिन और धनपुरी नगरीय निकायों के पदाधिकारियों से वर्चुअली संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश ने पूरे देश में स्वच्छता के क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह जन-प्रतिनिधियों के सहयोग और जन-भागीदारी से ही संभव हुआ है। मार्च माह में पुन: स्वच्छता सर्वेक्षण आरंभ होने वाला है।

सभी नगरीय निकाय, नागरिकों से संवाद और प्रशासन को सक्रिय करते हुए इस दिशा में प्रयास शुरू कर दें। नगरों में वार्ड स्तर पर स्वच्छता के लिए प्रतियोगी भावना से कार्य हो।

इसमें रहवासी संघों और नागरिकों का सहयोग लिया जाए। स्वच्छता में प्रथम स्थान पर रहने के लिए हम सभी को प्रयत्नों और परिश्रम की पराकाष्ठा करना है।

श्री चौहान ने नगरीय निकायों में ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की समुचित व्यवस्था बनाये रखने के लिए पदाधिकारियों और जन-प्रतिनिधियों को सचेत किया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पेयजल योजना के कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण हों और उनका उचित रख-रखाव किया जाए।

उन्होंने कहा कि अमृत योजना के दूसरे चरण में नल-जल योजनाओं पर 12 हजार 174 करोड़ रूपए का व्यय होगा। पाइप लाईन बिछाने या अन्य कार्यों के लिए खोदी गई सड़कों का रेस्टोरेशन लंबित न हो, इस ओर विशेष रूप से सजग रहें।

पुरानी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया समय-सीमा में करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया है। साथ ही यह भी फैसला किया हैकि प्रदेश में अब कोई भी नई अवैध कॉलोनी नहीं बनने दी जाएगी।

नगरीय निकायों का यह दायित्व है कि वे पुरानी कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया का समय-सीमा में क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और अपने क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के निर्माण की किसी भी संभावना को तत्काल निर्मूल करें।

 



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