अविश्वास/संकल्प पर खेल गई सरकार, सरेंडर मोड में नजर आया विपक्ष, लेकिन नेता प्रतिपक्ष…!

खास खबर            Mar 21, 2023


 ममता यादव।

यूं तो यह इशारों-इशारों में हमेशा कहा जाता रहा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और संसदीय कार्यमंत्री मित्र हैं।

लेकिन विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ विपक्ष द्वारा पूर्व में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को नियमों के हवाले से अग्राहृय जिस तरह किया गया और नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में विपक्ष जिस तरह खामोश बैठा रहा उससे तो सवाल यह उठे कि इतने वरिष्ठ विधायक ऐसी गलती कैसे कर सकते हैं कि अध्यक्ष के खिलाफ संकल्प लाना था अविश्वास प्रस्ताव नहीं।

आज मंगलवार 21 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संसदीय कार्यमंत्री ने ही विपक्ष को घेर लिया कि उन्होंने संकल्प के बजाय अविश्वास शब्द का उपयोग किया है जबकि अध्यक्ष के खिलाफ नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता है।

इस दौरान विपक्ष खामोश था तो सत्तापक्ष की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री नियम पुस्तिका के पन्ने पलटकर कभी आपस में तो कभी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा से चर्चा कर रहे थे।

आखिर को अविश्वास प्रस्ताव अग्रह्यय हो गया और संसदीय कार्यमंत्री ने अनुदान मांगों को पारित कर बजट पास करने का प्रस्ताव कर कार्यवाही स्थगित करने का भी प्रस्ताव दे दिया।

उधर नेता प्रतिपक्ष यह कहते हुए सदस्यों के साथ बहिर्गमन कर गए कि हम चाहते हैं कि बजट कार्यवाही पूरे दिनों तक चले लेकिन हमारी यह मांग मानी नहीं जा रही है तो हम बहिर्गमन करते हैं।

इस दौरान बजट पास हो गया।

वहीं उनके कक्ष में जब मीडिया कर्मियों ने जानना चाहा कि उनका  क्या कहना है तो वे वीडियो में कहते नजर आए कि हमने गलती से  अविश्वास प्रस्ताव दे दिया जबकि वे जिस कागज कह प्रति दिखा रहे थे उसमें विषय संकल्प ही लिखा था।

जब पत्रकार ने उन्हें इस बारे में कहा कि इसके विषय में तो संकल्प ही लिखा है तो वे बोले जो छापना हो छाप दो।

ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि जो सदस्य आदिवासी युवती के मामले में बाहर गए थे वे भोजनावकाश के बाद भी वापस नहीं आए और अविश्वास प्रस्ताव नियमों के हवाले से अग्राहृय हो गया।

कुलमिलाकर सरकार अविश्वास और संकल्प में खेल गई और विपक्ष सरेंडर मोड में नजर आया। सदन में इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी कांग्रेस की गुटबाजी साफ नजर आई। मध्यप्रदेश कांग्रेस सदन में अपने ही विधायक जीतू पटवारी के निलंबन पर चर्चा ही करने से बचती रही।

एक वरिष्ठ पत्रकार ने ट्विट करते हुए लिखा कि नेता प्रतिपक्ष सभी सरकारों को मिले। विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध पेश अपने संकल्प को अविश्वास प्रस्ताव मानने और साबित करने का जिगर विरलों में होता है। सहजता देखिए- संकल्प कहां लिखा है? गलती क्या गलती, नियम नहीं देखा, हमेशा होता है जैसे नगरपालिका में सो रख दिया।

हालांकि संसदीय कार्य मंत्री

@drnarottammisra

के प्रस्ताव पर सदन ने ध्वनिमत से अविश्वास के उस….. प्रस्ताव अथवा संकल्प, जो भी हो उसे खारिज कर दिया।इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री ने आपत्ति जताई थी कि नियमों के अनुसार अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं, संकल्प लाया जा सकता है।

इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह जितने सहज दिख रहे थे उससे ज्यादा वहां मौजूद विपक्षी सदस्यों की खामोशी कई सवाल खड़े कर रही थी।

 

 



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