मल्हार मीडिया ब्यूरो सागर।
गिनीज बुक में दर्ज हो चुके सागर के सामूहिक विवाह सम्मेलन में आज मध्यप्रदेश के पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने दुल्हनों को शराब के खिलाफ स्लोगन लिखीं मोगरी बांटीं। अक्षय तृतीया पर कराये गये इस सामूहिक विवाह समारोह में मंत्री ने ऐलान किया कि अवैध ठेकों के अलावा शराब पीकर घर-परिवार तोड़ने वालों को पहले समझाएं और अगर न मानें, तो मोगरी का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि अगर पति भी शराब पीकर क्लेश करे, तो पहले उसे समझाएं और अगर न माने, तब भी मोगरी काम आएगी।
यूं तो अक्षय तृतीया पर शनिवार को प्रदेशभर में सैकड़ों शादियां हुईं, लेकिन सागर के गढ़ाकोटा में हुआ सामूहिक विवाह सम्मेलन फिर से मीडिया की सुर्खियों में आ गया है।
प्रदेश के पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत 700 जोड़ों की शादी कराई। इस मौके पर घर-गृहस्थी का सामान देने के साथ-साथ दुल्हनों को मंत्री की तरफ से विशेषकर कपड़े धोने की मोगरी बांटी गईं। इन पर 'शराबियों से सुटारा(पीटने) हेतू भेंट' और 'पुलिस नहीं बोलेगी'! जैसे स्लोगन लिखे हुए थे।
गोपाल भार्गव ने नव दम्पति को आशीर्वाद देते हुए खासकर दुल्हनों से कहा कि,'अगर कहीं भी पान के ठेलों या गुमठियों में अवैध शराब बिकते दिखे, तो इस मोगरी का इस्तेमाल करें। अगर पति भी शराब पीकर क्लेश करे, तो पहले उसे समझाएं और अगर न माने, तब भी मोगरी काम आएगी।'
गौरतलब है कि यहां पिछले 16 सालों से अक्षय तृतीया पर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह होते आ रहे हैं। इससे पहले यानी 15 आयोजनों में 16550 शादियां कराई जा चुकी हैं। इस आयोजन को गिनीज बुक में जगह मिल चुकी है। इस बार 700 जोड़ों की शादियां कराई गईं।'
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल, 2015 में मंत्री गोपाल भार्गव ने इसी सामूहिक विवाह सम्मेलन में अपने बेटे अभिषेक और बेटी डॉ. अवंतिका की भी शादी कराई थी। भार्गव के दामाद अमेरिका की एक कंपनी में इंजीनियर हैं। वहीं उनकी बहू शिल्पी आचार्य एक सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी की बेटी है। भार्गव के मुताबिक, इसका मकसद खर्चीली शादियों से दूरी बनाना है।
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