मल्हार मीडिया ब्यूरो।
आज मध्यप्रदेश के छतरपुर से एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें थाने की दहलीज पर एक दरोगा विधायक पर गुस्से में चिल्लाते हुए दिख रहे हैं और विधायक बैठे हुए हैं।
ये सत्ताधारी पार्टी के विधायक राजेश प्रजापति बताए जा रहे हैं। बाद में इनके पिता पूर्व विधायक आरडी प्रतापति भी थाने पहुंचे।
लेकिन दरोगा साहब को विधायक को भभकी देना महंगा पड़ गया फिलहाल वे लाईन अटैच कर दिए गए हैं।
बताया जा रहा है कि मामला जिले की लवकुश नगर तहसील का है जहां चंदला विधानसभा के भाजपा विधायक राजेश प्रजापति से थाना प्रभारी हेमंत नायक की तीखी बहस हो गई।
नौबत यहां तक आ पहुंची कि विधायक थाने में ही धरने पर बैठ गए और उनका साथ देने बड़ामलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी एवं पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र प्रताप सिंह गुड्डू भी देर रात लवकुश नगर थाने पहुंच गए ।
दरअसल कल रविवार 12 फरवरी को विधायक राजेश प्रजापति के ग्रह ग्राम मुंडेरी की एक गूंगी महिला ने गांव के ही एक व्यक्ति पर मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
इस मामले को लेकर विधायक महिला के पक्ष से रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंच गए जहां थानेदार हेमंत नायक ने मामले को फर्जी बताकर रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया।
जबकि विधायक बार-बार रिपोर्ट दर्ज करने की बात करते रहे, इस बात से थाना प्रभारी ने विधायक को उंगली दिखाते हुए कहा कि यदि उल्टी सीधी बात करोगे तो दिक्कत में पड़ जाओगे।
थाना प्रभारी और विधायक की तीखी नोकझोंक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
यह पहला मामला नहीं है जब किसी अधिकारी द्वारा विधायक को बेइज्जत किया गया हो इससे पहले भी एक कलेक्टर ने विधायक को अपने कार्यालय में अपने कक्ष में प्रवेश नहीं करने दिया था।
इससे पहले कलेक्टर बंगले पर भी प्रवेश नहीं मिलने के कारण विधायक को कलेक्टर बंगले के बाहर देर रात धरना करना पड़ा था ।
विधायक पुत्र के समर्थन में उतरे पूर्व विधायक पिता आरडी प्रजापति ने लगभग रोते हुए भाजपा सरकार को भी कोसा।
उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक सार्वजनिक रूप से माफी मांगे एवं एस सी एस टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए।
विधायक का प्रोटोकॉल होता है उसका पद बड़ा होता है, अगर मामला दर्ज नहीं होता है तो मेरा मरना ठीक है मैं जी नहीं सकता । अगर माफ़ी नहीं मांगी गई तो मैं विधायक पुत्र का विधानसभा से स्तीफा दिलाने का भी प्रयास करूंगा ।
देर रात तक चले इस हाईप्रोफाइल मामले को बढ़ता देख पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने थाना प्रभारी हेमंत नायक को लाइन हाजिर कर दिया है एवं अग्रिम कार्यवाही के लिए जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह को सौंप दिया है।
यह विचारणीय प्रश्न यह है कि पुलिस महकमा अगर विधायक के कहने पर भी मामला दर्ज करने तैयार नहीं है तो आमजन की कितनी सुनवाई होती होगी अंदाजा लगाया जा सकता है।
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