Breaking News

पिता का कर्ज चुकाने वेटलिफ्टर बने विजय प्रजापति, खेलो इंडिया में जीता कांस्य

खास खबर            Feb 08, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

भारोत्तोलन को पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय प्रतिस्पर्धी खेलों में से एक माना जाता है। एक शक्ति परीक्षण खेल होने के नाते, इसके प्रशंसकों का अपना वर्ग है। आज भारोत्तोलकों को देखना आसान है और कल्पना करें कि यह खेल जिम में पैदा हुआ था। फिर भी, समय पर एक नज़र डालें तो पता चलता है कि इन फिटनेस सुविधाओं के अस्तित्व में आने से बहुत पहले यह वास्तव में उभरना शुरू हो गया था। देश के अनेक खिलाड़ी भारोत्तोलन में एक सितारे की तरह उभरे हैं, जिसने उन्हें अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान किया है। उन्हें हमारे देश को गौरवान्वित करने और एक पेशेवर करियर के रूप में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए एक महान एथलीट भी बनाया है।

मध्यप्रदेश के शाजापुर निवासी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी विजय प्रजापति ने 2022 खेलो इंडिया यूथ गेम्स में कांस्य पदक (55 किग्रा) जीता है।

वे प्रदेश के चमकते स्पोर्ट्स स्टार हैं, उनकी इस चमक के पीछे उनके ऐसे संघर्ष छुपे हैं जो युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।

विजय बताते हैं कि उनके पिता ड्राइवर हैं और उन पर बहुत कर्ज है।

उन्होंने कहा कि पिता के कर्ज को उतारने के लिए ही मैं वेटलिफ्टिंग में आया और इसमें जीतने पर जो पैसे मिलते उससे मैं उनका कर्ज उतारता हूं।

वे कहते हैं भले ही आप किसी भी परिस्थिति का सामना करें, कभी भी हार न मानें।

इतना ही नहीं बल्कि उन्हें वेटलिफ्टिंग में भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

वे कहते हैं इस स्पोट्र्स में चोटों की बहुत संभावना है।

साथ ही, फिट रहने और स्वस्थ शरीर रखने के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं, चोटों से ठीक होना भी एक समय लेने वाली प्रक्रिया है। ये सभी उसके लिए भी बहुत कठिन काम हैं।

KIYG- 2022 में उभरा मध्यप्रदेश का सितारा

अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी राष्ट्रीय चेंपियन चमकते सितारे मध्यप्रदेश के शाजापुर निवासी विजय प्रजापति ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022में कांस्य पदक (55 किग्रा) जीता है। इस स्टार भारतीय भारोत्तोलन खिलाड़ी के बारे में अधिक बात करें तो उन्होंने मेक्सिको में 2022 IWF यूथ वर्ल्ड वेट लिफ्टिंग चेंपियनशिप में पुरुषों के 49 किग्रा इवेंट में कुल 175 किग्रा भार उठा कर रजत पदक भी जीता है। उन्होंने आगामी राष्ट्रमंडल खेलों के लिए खुद को तैयार किया है।

आसान नहीं रहा है सफर

इस स्टार खिलाड़ी का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था, कई उतार-चढ़ाव आए। उनके पिता, जो एक ड्राइवर हैं, के ऊपर काफी कर्ज है और वे पिता को सभी कर्ज से मुक्त करना चाहते हैं। उनका कहना है कि "आपके पास न केवल प्रतिस्पर्धात्मकता बल्कि क्षमता भी होनी चाहिए, कभी हार न मानने की, भले ही आप किसी भी परिस्थिति का सामना कर रहे हों।"

इतना ही नहीं उन्हें वेट लिफ्टिंग में भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। चोट की बहुत संभावना रहती है। चोट से ठीक होना समय लेने वाली प्रक्रिया है। साथ ही फिट रहने और स्वस्थ शरीर रखने के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है। इन चुनौतियों का विजय ने धैर्य, दृढ़-संकल्प और देश के लिए पदक जीतने की ललक के साथ सामना किया है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स ने उन्हें मीलों तक आगे पहुँचने के लिए असाधारण मंच प्रदान किया है।

भारोत्तोलक विजय भविष्य के आकांक्षी के रूप में अपने देश को गौरवान्वित करने और खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर स्वर्ण पदक प्राप्त करना चाहते हैं।

श्री विजय का कहना है कि आजकल, खेल बहुत अच्छी तरह से बढ़ रहा है और एक खिलाड़ी को खेल से शानदार जीवन जीने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि- "मैं बस हर दिन खेल में बेहतर बनना चाहता हूँ।

 



इस खबर को शेयर करें


Comments