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सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार पूछा आधार वैकल्पिक करने का आदेश था फिर अनिवार्य क्यों?

खास खबर            Apr 20, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।
कई सरकारी योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत केंद्र सरकार से पूछा कि जब हमने सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड को वैकल्पिक करने का आदेश दे दिया है तो आप इसके लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कैसे बना सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) कार्ड के लिए आधार अनिवार्य बनाने को लेकर केन्द्र से सवाल किया। अटॉर्नी जनरल ने आधार पर केंद्र के कदम को उचित ठहराते हुए कहा कि मुखौटा कंपनियों को कोष भेजने के लिए फर्जी पैन कार्डों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र का पक्ष रखते हुए न्यायमूर्ति ए के सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि यह पाया गया है कि लोग ऐसे पैन कार्डों की जानकारी दे रहे थे, जिन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए बनवाया गया है। रोहतगी ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें एक व्यक्ति के पास कई पैन कार्ड थे और इन फर्जी काडरें का इस्तेमाल फर्जी कंपनियों को धन का हस्तांतरण करने के लिए किया जा रहा था।

इस पर पीठ ने अटॉर्नी जनरल से कहा, ‘क्या इसका उपाय यह है कि आपके पास पैन बनवाने के लिए आधार होना चाहिए? इसे अनिवार्य क्यों बनाया गया?’इसके जवाब में रोहतगी ने कहा कि पहले भी पाया गया था कि लोग फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर मोबाइल फोन के लिए सिम कार्ड खरीद रहे थे। तब शीर्ष अदालत ने सरकार से इसपर लगाम कसने को कहा था।

पीठ ने कहा कि वह पैन कार्डों के लिए आधार को अनिवार्य बनाने के सरकार के कदम को चुनौती देने वाली याचिका पर दलीलों की सुनवाई 25 अप्रैल को करेगी। वर्ष 2017-18 के बजट के वित्त विधेयक में कर प्रावधानों में संशोधन के जरिए सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया है और कई पैन कार्डों का इस्तेमाल करके की जाने वाली कर चोरी पर रोक लगाने के लिए पैन को आधार से जोड़ने का प्रावधान किया गया है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को सुनवाई के दौरान कहा था कि जनहित स्कीम के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बना सकती है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड को चुनौती देती पिटीशंस पर तुरंत सुनवाई नहीं हो सकती, क्योंकि इस याचिका पर 7 जजों की एक पीठ गठित की जानी है, जो फिलहाल संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि आधार कार्ड न होने की वजह से किसी भी लाभार्थी को योजना के लाभों से वंचित नहीं रखा जा सकता। आधार स्कीम यूनीक अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) की देखरेख में चल रही है। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सरकारी स्कीम्स में आधार के वॉलंटरी यूज पर रोक लगा दी थी।

केंद्र सरकार ने कहा था कि अब 1 जुलाई 2017 से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा। सरकार ने वित्त विधेयक में एक अहम संशोधन का प्रस्ताव किया था जिसके तहत इनकम टैक्स रिटर्न भरने और नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार संख्या को जरूरी बनाया गया था। यह कब से लागू होगा, पहले इस पर संशय बरकरार था। अब सरकार ने उसकी भी तारीख तय कर दी है। बिना आधार नंबर के भरे गए इनकम टैक्स रिटर्न को वैध नहीं माना जाएगा। सरकार पिछले काफी समय से कई जरूरी सेवाओं के लिए आधार को जरूरी करती जा रही है।



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