मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भीम आर्मी की आजाद समाज पार्टी और आदिवासियों की जयस मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
भीम आर्मी की आजाद समाज पार्टी अनुसूचित जाति (एससी) बहुल क्षेत्र में अपने प्रत्याशी खड़े करने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों की मानें तो आजाद समाज पार्टी युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) और ओबीसी महासभा के साथ गठबंधन की चर्चा भी कर रहे हैं, कल भोपाल में शक्ति प्रदर्शन होगा।
आरक्षण के समर्थन में भीम आर्मी के राष्ट्रीय प्रमुख चंद्रशेखर रावण मध्यप्रदेश में शक्ति प्रदर्शन करने वाले हैं। भोपाल में एक बड़ी रैली का आयोजन भेल दशहरा मैदान में किया जा रहा है।
प्रशासन ने भीम आर्मी को 20 हजार लोगों की अनुमति दी है, लेकिन आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के लोग लाखों की तादाद में समर्थकों के पहुंचने का दावा कर रहे हैं।
इस प्रदर्शन में जयस और ओबीसी महासभा के नेता भी शामिल हो रहे हैं।
दरअसल इस शक्ति प्रदर्शन के पीछे भीम आर्मी की सामाजिक न्याय यात्रा समापन माना जा रहा है।
एक तरह से से छोटे राजनीतिक संगठनों की मध्य प्रदेश में चुनावी शुरुआत भी कहा जा सकता है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को मात्र 9 महीने बचे हैं और सियासी दांवपेच प्रारंभ हो गए।
हालांकि प्रदेश में जातिवादी राजनीति करने वाले दल चाहे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी हो या बहुजन समाज पार्टी ऐसे दलों का वजूद ही खत्म हो गया था।
लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सक्रिय संगठन भीम आर्मी के मध्यप्रदेश में आने से और दलित आदिवासियों का भीम आर्मी को मिल रहा जनसमर्थन 2023 के विधानसभा चुनाव को रोचक बना सकता है।
इन संगठनों में रणनीतिकार की भूमिका बनाने वाले डॉक्टर आनंद राय कहते हैं कि हम पिछले 4 साल से विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं एट्रोसिटी एक्ट आंदोलन में सिर्फ हमने लड़ाई लड़ी है, इसलिए सरकार के खिलाफ वोटों के सही हकदार जयस भीम आर्मी वाले है।
हालांकि मौजूदा दौर में डॉ आनंद राय अक्सर भाजपा के संपर्क में भी नजर आए। बीजेपी को मिल सकता है फायदा एमपी में बहुजन समाज पार्टी के कमजोर होने के बाद से भाजपा व कांग्रेस अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर कब्जा जमाने के लिए कोशिश कर रहे हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा का कुछ वोट कांग्रेस की ओर चला गया था। इसी कारण कांग्रेस बहुमत के करीब पहुंच गई थी।
इन दिनों भीम आर्मी ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में जड़े जमा ली हैं और अनुसूचित वर्ग में उसकी पकड़ मजबूत हो गई है। अगर अनुसूचित जाति का वर्ग इस ओर जाता है, तो ऐसे में भाजपा को फायदा हो सकता हैं।
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