मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के बंगले के बाहर मंगलवार को स्वास्थ्यकर्मी डटे रहे। उन्होंने करीब 5 घंटे सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया।
वे मंत्री डॉ. चौधरी से मिलकर अपनी मांगें उनके सामने रखने पहुंचे थे, लेकिन मंत्री बंगले पर नहीं थे। इस कारण उनका गुस्सा फूट पड़ा।
मध्यप्रदेश सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीना शुक्ला ने बताया कि सुबह 11 बजे स्वास्थ्य मंत्री ने हमें मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन इससे पहले ही मंत्री जी चले गए।
बंगले पर कोई जिम्मेदार बात करने के लिए नहीं था। इसलिए बंगले के बाहर ही धरने पर बैठ गए। शाम 4 बजे तक वहीं रहे। 100 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्यकर्मी वहां रहे। इसके बाद पुलिस ने वहां से उठा दिया।
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान और प्रदेश अध्यक्ष विजय ठक्कर के नेतृत्व में 18 अप्रैल से प्रमुख मांगों को लेकर प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर चल रहे हैं।
हड़ताल के 15वें दिन इन कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया। 13 दिन से शांतिपूर्ण धरना दे रहे प्रदेश भर के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों ने भोपाल का रुख कर लिया और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी के बंगले पर पहुंचे थे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए।
अन्य कर्मचारियों को 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगूलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान तत्काल लागू किया जाए। सीएचओ कैडर को MLHP तहत नियमित किया जाए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउटसोर्स ठेका प्रथा न किए गए। सपोर्ट स्टॉफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए अथवा विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए। निष्कासित कर्मचारियों को शत-प्रतिशत वापस लिया जाए
5 दिसंबर से 3 जनवरी तक की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए हैं, उन्हें तत्काल वापस लिया जाए।
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