मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में निवास कार्यालय समत्व भवन में मंत्रि- परिषद की वर्चुअल बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की कैबीनेट ने आज 25 फरवरी को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना-2023 का अनुमोदन किया। योजना में समय-सीमा में स्वीकृति दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।
इस योजना का लक्ष्य महिलाओं के सर्वांगीण विकास, आर्थिक स्वालम्बन, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत् सुधार को बनाए रखने एवं महिलाओं की परिवार में निर्णय की भूमिका सुदृढ़ किए जाना है।
इस योजना के तहत प्रदेश की 23 से 60 वर्ष आयु के मध्य की विवाहित महिलाओं को योजना के लाभ की पात्रता होगी।
प्रत्येक पात्र महिला को उसकी पात्रता अवधि में 1000 रूपये प्रतिमाह के मान से राशि सीधे उसके आधार लिंक्ड बैंक खाते में जमा की जायेगी।
किसी परिवार की 60 वर्ष से कम आयु की महिला को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में प्रतिमाह 1000 रूपये से कम जितनी राशि प्राप्त हो रही होगी, तो उस महिला को वह राशि प्रदाय कर 1000 रूपये तक राशि की पूर्ति करने का योजना में प्रावधान किया गया है।
योजना में समस्त आवेदन नि:शुल्क ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त हितग्राही यदि स्वयं उपस्थित होकर "आवेदन के लिए आवश्यक जानकारी का प्रपत्र" देती है तो उसकी भी प्रविष्टी ऑनलाइन पोर्टल पर करने की व्यवस्था की गई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना अंतर्गत लगभग एक करोड़ महिला हितग्राहियों को 1000 रूपये प्रतिमाह के मान से राशि खाते में जमा की जाएगी।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश उद्योगों की स्थापना एवं परिचालन का सरलीकरण अध्यादेश, 2023 के स्थान पर मध्यप्रदेश उद्योगों की स्थापना एवं परिचालन का सरलीकरण अधिनियम, 2023 को प्रतिस्थापित किए जाने के संदर्भ में निर्णय लिया।
औद्योगिक उपक्रम या औद्योगिक इकाई द्वारा निवेश आशय प्रस्ताव का आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में नोडल एजेन्सी को किया जाएगा। नोडल एजेन्सी द्वारा पूर्ण प्राप्त निवेश आशय प्रस्ताव की अभिस्वीकृति निर्धारित प्रारूप में जारी की जाएगी। एमपी इंडस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड भोपाल को नोडल एजेन्सी नामांकित किया गया है, जो अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र जारी करेगी। औद्योगिक उपक्रम या औद्योगिक इकाई द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में उद्योग स्थापना के संबंध में प्राप्त की जाने वाली विनिर्दिष्ट सेवा, अनुमति, अभिस्वीकृति प्रमाण पत्र प्राप्ति दिनांक से 3 साल अथवा औद्योगिक उपक्रम या औद्योगिक इकाई के व्यवसायिक गतिविधि संचालन प्रारंभ किए जाने तक जो भी पहले हो, उन्मुक्त रहेगा। उक्त अवधि समाप्त होने के 6 माह के अंदर आवश्यक अनुमतियाँ, सम्मतियाँ प्राप्त करेगा। जारी अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र की वैधता अवधि में कोई सक्षम प्राधिकारी अधिनियम में वर्णित अनुमतियों के संबंध में निरीक्षण नहीं कर सकेगा। इस अधिनियम में राज्य के पास अधिसूचित क्षेत्रों का चयन करने के प्रावधान होंगे जहाँ यह अधिनियम लागू किया जाएगा। इकाई के प्रारंभ होने के पूर्व इकाई द्वारा आवेदन किए जाने पर संबंधित विभाग अथवा एजेंसी द्वारा आवश्यक होने पर निरीक्षण कर अनुमति एवं सहमति दी जा सकेगी। राज्य सरकार अधिसूचना के माध्यम से राज्य स्तरीय साधिकार समिति का गठन कर सकेगी। समिति सक्षम प्राधिकारी एवं औद्योगिक उपक्रमों के साथ समन्वय कर विवाद का मैत्रीपूर्ण हल निकालेगी।
केन्द्र तथा राज्य सरकार के द्वारा अधिनियमित विभिन्न अधिनियमों में संबंधित विभाग के सक्षम प्राधिकारियों के द्वारा कार्यवाही की जाती है। इन अधिनियमों के प्रावधानों को decriminalize करने की आवश्कता है। राज्य शासन के कई विभागों द्वारा उनके प्रशासित अधिनियमों तथा नियमों को decriminalize करने की कार्यवाही की जा रही है। इसी अनुक्रम में मंत्रि-परिषद ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा प्रशासित अधिनियम "ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण अधिनियम-1996" की धारा 12 के अंत में उल्लेखित प्रावधान को संशोधित कर, प्रतिस्थापित किए जाने के लिए ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2023 का अनुमोदन किया। मंत्रि-परिषद ने विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत कर पारित कराने की समस्त कार्यवाही किए जाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग को अधिकृत किया है।
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