मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान,भोपाल ने प्रदेश के सभी कार्यरत् एवं बुजुर्ग पत्रकारों तथा जनसंपर्क अधिकारियों का विस्तृत डाटा बेस तैयार करने का संकल्प लिया है। इनमें समाचार पत्रों,पत्रिकाओं,टेलिविजन,रेडियो और वेब मीडिया के पत्रकारों को शामिल किया जाएगा।
सप्रे संग्रहालय के संस्थापक-संयोजक विजयदत्त श्रीधर ने इस कार्य योजना की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए बताया कि यह डाटा बेस सामाजिक रिश्तों की सघनता बनाए रखने में सहायक होगा। सकारात्मक-रचनात्मक स्पर्धा को किसी भी व्यक्ति वृत्ति का सद्गुण निरुपित करते हुए आपने कहा कि साथ-साथ एक-संवाद भी खुला रहना चाहिए। बीते बरसों में पत्रकारों के बीच सामाजिक रिश्तों का ताना-बाना छीजता गया है। औपचारिकताएं हैं,परंतु पहले जैसा भाईचारा कम ही नजर आता है। सुख-दु:ख में भागीदारी और वक्त जरूरत साथ देने का जज्बा कमजोर पड़ा है। विश्रामघाट जैसी जगहों पर भी पत्रकार बिरादरी की उदासीनता और बिखराव का चिंतनीय अनुभव होता है।
श्री श्रीधर ने बताया कि इस बीच बीमार पत्रकारों की फौरी मदद के लिए श्री दीपक तिवारी और उनके साथियों की सार्थक पहल और उसमें वरिष्ठ पत्रकार डा. सुरेश मेहरोत्रा के पुण्य-सहयोग ने भरोसे की नई ज्योति प्रज्जवलित की है। मध्य प्रदेश के इन्दौर,जबलपुर,ग्वालियर जैसे महानरों में इस जरूरी पहल का अनुकरण होना चाहिए।
प्रस्तावित डाटा बेस में पत्रकारों की पारिवारिक पृष्ठभूमि यथा-माता-पिता,पत्नी-बच्चे,भाई की जानकारी, जन्मतिथि,जन्म स्थान,वर्तमान पता,स्थायी पता, टेलिफोन-मोबाइल नं.,ई-मेल,ब्लड ग्रुप,वर्तमान दायित्व एवं संस्थान,पूर्व में किए काम और उनकी कार्यावधि,सम्मान और पुरस्कार,प्रकाशन,रुचियां आदि ब्यौरे दर्ज किए जाएंगे।
श्री श्रीधर ने बताया कि डाटा बेस तैयार होने पर स्थानीय स्तर पर सपरिवार स्नेह मिलन कार्यक्रम,नियमित फोन वार्ता एवं मेल-मुलाकात,सुख-दु:ख में एक-दूसरे का साथ निभाने की मानवीय वृत्ति,जरूरी सूचनाओं-संदेशों का आदान-प्रदान दिन चर्या और स्वभाव का हिस्सा बने,इसके लिए लगातार कोशिश की जाएगी। उम्मीद है कि इसके अच्छे सामाजिक नतीजे निकलेंगे।
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