लाल परेड में 2500 स्वयंसेवकों ने किया शारीरिक अभ्यास का प्रदर्शन

राष्ट्रीय            Dec 11, 2022


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बड़ा कार्यक्रम "शारीरिक प्रकटोत्सव" संपन्न हुआ।

संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की मौजूदगी में राजधानी के लाल परेड मैदान में ढाई हजार स्वयंसेवकों ने शारीरिक अभ्‍यास का प्रदर्शन किया।

इस दौरान पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत, सर कार्यवाह और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहे। होसबोले ने कहा कि यह कार्यक्रम भोपाल शाखा का वार्षिकोत्सव जैसा है।

उन्होंने कहा कि संघ ने समाज को सामर्थ्यवान बनाया है और विश्व में सम्मानीय स्थान दिलाया है।

प्रकट उत्सव कार्यक्रम में ढाई हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने शाखा में प्रतिदिन चलने वाले शारीरिक अभ्यास का प्रदर्शन किया।

शाम 4:30 बजे शुरू हुए कार्यक्रम में स्वयंसेवक दंड के 10 प्रगत प्रयोग, समता, दंड योग, व्यायाम योग, बैठकर करने वाले योग आदि का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में प्रांत संघचालक अशोक पांडे विभाग संघचालक डॉक्टर राजेश सेठी भी मौजूद रहे।

संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ के दो प्रमुख पहलू है पहला है व्यक्ति निर्माण और दूसरा समाज संगठन। ये दोनों कार्य एक ही लक्ष्य के लिए है- भारत को परम वैभव पर पहुंचाना।

परम वैभव का अर्थ केवल भारत आर्थिक और सामरिक रूप से सक्षम बने, यहां के सभी नागरिकों को रोटी, कपड़ा और मकान मिले यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे भी अधिक है।

उन्होंने कहा कि विश्व की कल्याण की कामना करने वाले लोग यदि स्वयं सामर्थ्य वाहन नहीं है, तो केवल शुभकामना देने से काम नहीं चलेगा, इसलिए हम पहले चरण के रूप में भारत के परम वैभव के लिए काम कर रहे हैं।

अगले चरण में जैसे-जैसे भारत अपनी शक्ति का एहसास पूरी दुनिया को कराता जाएगा। वैसे-वैसे ही हमारा समाज व संगठन और मजबूत होगा।

गोडबोले ने कहा कि सरकार के साथ समाज का भी कर्तव्य होता है। समाज ऋण को चुकाने के लिए हर परिवार को सूचना चाहिए मैं मुझसे दुर्बल व्यक्तियों के लिए क्या कर सकता हूं, यह सोचना चाहिए।

भूकंप बाढ़ के दौरान स्वयंसेवक मदद के लिए आगे आते हैं। जिनके नाम मालूम नहीं, जो लोग कष्ट में उनकी मदद के लिए काम करते हैं।

अकेले में काम करना चार लोगों से मिलकर काम करने में तकलीफ होती है, इसलिए हमारे यहां भी खराब आते हैं राजनीतिक दलों में तो टूटने की परंपरा है। पार्टनरशिप में कई बार झगड़े होते हैं।

साथ मिलकर काम करना यह सामूहिकता संघ में सिखाते हैं।

 

 



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