मल्हार मीडिया ब्यूरो। बॉर्डर सिक्यूरिटी फ़ोर्स (बीएसएफ) पिछले कुछ समय से सिलेक्शन के बावजूद अफसरों के ज्वाइन न करने की समस्या से जूझ रही है।
2014 में 31 लोग सिलेक्ट हुए थे। लेकिन साल 2016 में इनमें से सिर्फ 17 ने ही ज्वाइन किया। वहीं 2013 में सिलेक्ट 110 लोगों में से 69 ने ज्वाइन किया। लेकिन ट्रेनिंग के दौरान 15 फिर छोड़कर चले गए।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के कुल 5, 309 पद मंजूर हैं। इनमें से 522 अभी खाली पड़े हैं।
नौकरी ज्वाइन न करने वाले एक कैंडिडेट का कहना है कि "बीएसएफ उनकी पहली पसंद नहीं है। अगर सीआईएसएफ में चुने जाते तो ज्वाइन कर लेते। सीआईएसएफ में पोस्टिंग शहरों में रहेगी। इससे आगे की पढ़ाई करने में आसानी होगी।" वहीं, एक कैंडिडेट ने आशंका जताई कि बीएसएफ में प्रमोशन में रोड़े अटकाए जाते हैं। नौकरी छोड़ने वाले पंजाब के एक शख्स ने कहा कि लोगों की नजरों में आर्मी की इज्जत बीएसएफ के जवान से ज्यादा होती है। दूसरे ने कहा कि लड़का खोज रहे परिवार की पहली पसंद भी आर्मी वाला होता है, बीएसएफ का जवान नहीं।
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