मल्हार मीडिया ब्यूरो।
सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ से यह कहते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया कि वे अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम, 1956 के तहत 1980 के गोदावरी नदी जल न्यायाधिकरण के फैसले से बंधे हैं। इंदिरा सागर (पोलावरम) बांध को पोलावरम बांध बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना के रूप में जाना जाता है। इसे गोदावरी नदी जल न्यायाधिकरण फैसले के अनुसार बनाया जा रहा है।
सभी छह राज्यों के प्रमुख सचिवों को हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय देते हुए न्यायधीश मदन बी. लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव से भी अपनी स्थिति की पुष्टि करते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा कि 1956 अधिनियम के तहत सभी न्यायमूर्ति बछावत के गोदावरी जल विवाद पर फैसले को स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं।
मुख्य सचिवों को हलफनामा दाखिल करने के लिए कहते हुए न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि इस मामले में उन्हें इसी सवाल के साथ छोड़ दिया गया था कि क्या बांध का निर्माण फैसले के अनुरूप हो रहा है?
ओडिशा ने अदालत से कहा कि पोलावरम बांध का निर्माण फैसले के अनुसार होना चाहिए, क्योंकि किसी भी विचलन से राज्य के मलकानगिरि जिले के जनजातीय गांव डूब जाएंगे।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 17 अप्रैल तय कर दी।
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