मल्हार मीडिया ब्यूरो। फ्रांस का राष्ट्रपति चुनाव जीतकर इतिहास रचने वाले इमानुएल मैक्रों देश के सबसे युवा राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं।
मैक्रों का जन्म 21 दिसंबर, 1977 में फ्रांस के उत्तरी शहर एमियेन्ज में हुआ था। उनकी मां फ्रांस्वा नोगेस फिजिशियन और पिता ज्यां-मिशेल मैक्रों न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर थे।
उन्होंने स्ट्रासबर्ग में इकोल नेशनल डे एडमिनिस्ट्रेशन में एक वरिष्ठ नौकरशाह का प्रशिक्षण लेने से पहले साइंसेज पो यूनिवर्सिटी से सार्वजनिक मामलों के विषय में मास्टर्स डिग्री हासिल की। उन्होंने 2004 में स्नातक की डिग्री हासिल की।
मैक्रों ने अपने करियर की शुरुआत एक नौकरशाह के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने निवेश बैंकर के रूप में हाथ आजमाया और अब वह देश के नए राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं।
'एन माशेर्' नाम से राजनीतिक पार्टी का गठन करने वाले 39 वर्षीय मैक्रों उदार मध्यमार्गीय हैं। उन्हें किस्मत का धनी ही कहा जाएगा कि पहली बार चुनाव लड़कर और उसे जीतकर वह देश के सवोर्च्च पद पर आसीन होने जा रहे हैं। उनके पास किसी परंपरागत पार्टी का समर्थन नहीं था और न ही मतदाताओं का आधार।
सबसे युवा राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए इमैनुएल मैक्रॉन शुरुआत से ही होनहार रहे हैं। इमैनुएल फ्रांस में इंवेस्टमेंट बैंकर और अर्थव्यवस्था के मंत्री भी रहे। के इतिहास में सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे। वे मात्र पांच साल के राजनीतिक करियर में इतिहास रचते हुए राष्ट्रपति पद तक पहुंचे हैं।. फ्रांस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में 39 वर्षीय एमानुएल मैक्रॉन को देश का सबसे युवा राष्ट्रपति चुना गया है। 7 मई को हुए दूसरे चरण के चुनाव में मैक्रॉन ने अपनी प्रतिद्धंदी और धुर दक्षिणपंथी रुझानों वाली मरीन ली पेन को पछाड़ दिया। चुनाव में मैक्रॉन को करीब 65.5 से 66.1 फीसद वोट मिले, जबकि मरीन ली पेन को करीब 33.9 से 34.5 फीसद वोट मिले। -
मैक्रों ने एक नौकरशाह से राष्ट्रपति चुनाव जीतने तक का सफर तय किया है। वह यूरोपीय संघ के कट्टर समर्थक हैं और फ्रांस को यूरोपीय संघ से जोड़े रखना चाहते हैं। उन्होंने स्वयं को एक प्रगतिशील शख्स के रूप में पेश किया है, जो न ही वामपंथी विचाधारा से प्रभावित है और न ही दक्षिणपंथी विचारधारा से। वह आर्थिक रूप से उदार, कारोबार समर्थक हैं लेकिन वह एक संप्रभु देश में किसी भी धर्म को मानने की स्वतंत्रता, समानता और आव्रजन सहित सामाजिक मुद्दों पर वामपंथी विचारधारा से प्रेरित हैं।
मैक्रों ने चुनाव प्रचार के दौरान बेरोजगारी की समस्या को अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में रखा, जिसे राष्ट्रपति ओलांद उठाने में असफल रहे। मैक्रों ने बेरोजगारी दर को सात फीसदी से नीचे रखने की बात कही है।
वह सार्वजनिक क्षेत्र के 120,000 रोजगारों में कटौती करने, सरकारी खर्च को 60 अरब (65 अरब डॉलर) तक घटाने और अरबों डॉलर निवेश करने पर जोर देने वाले हैं।
उनकी नीतियों में देश की असफल राजनीतिक व्यवस्था को दुरुस्त करना, श्रम कानूनों में रियायत बरतना, सामाजिक गतिशीलता को प्रोत्साहित करना, सांसदों की संख्या घटाना और एक यूरोजोन सरकार का गठन करना है।
मैक्रों ने देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई कारोबार अनुकूल कदम पेश किए हैं। वह आतंकवाद के खिलाफ जंग को लेकर खासे मुखर हैं।
उन्होंने रक्षा खर्च बढ़ाने, 10,000 अधिक पुलिसकर्मियों को नियुक्त करने और आतंकवादी संगठन इस्लामिक (आईएस) स्टेट से हर वक्त लड़ने के लिए मुस्तैद रहने वाले कार्यबल का गठन करने का ऐलान किया है। वह शिक्षकों के लिए बेहतर भुगतान के भी हिमायती हैं।
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