मल्हार मीडिया ब्यूरो।
आयकर विभाग अपने अभियान ‘आपरेशन क्लीन मनी’ का दूसरा चरण अगले महीने शुरू करेगा। इस चरण में भी पांच लाख रुपए से कम की एकबारगी जमाओं को फिलहाल एक तरफ ही रखे जाने की संभावना है। नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में अघोषित नकदी जमा कराने की पड़ताल का अभियान आयकर विभाग ने शुरू किया है। आयकर विभाग ने अगले 10 दिन में दो डेटा विश्लेषक फर्मों की नियुक्ति करने का फैसला किया है। अधिकारियों के मुताबिक, पिछले साल आठ नवंबर के बाद और इससे पहले की जमाओं का विश्लेषण ये कंपनियां करेंगी। अगले दस दिन में सरकार को नोटबंदी से पहले और नोटबंदी के बाद खातों में रकम जमा कराने के आंकड़े बैंकों से मिल जाएंगे। ‘स्टेटमेंट आॅफ फाइनेंसियल ट्रांजेक्शंस’ (एसएफटी) के तहत ये आंकड़े दिए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि विभाग इन आंकड़ों के विश्लेषण के लिए दो आंकड़ा विश्लेषक फर्मों की नियुक्ति करेगा।
अधिकारियों के मुताबिक इस कवायद का उद्देश्य उस व्यक्ति के अनेक बैंक खातों या पैन नंबरों को आपस में जोड़ना है, जिसने बड़ी संख्या में नकदी जमा करवाई। आयकर विभाग ने समान पते, पैन संख्या, टेलीफोन नंबर, ईमेल पते या नाम जैसी समानता के आधार पर विभिन्न जमाओं में तार जोड़ने की कोशिश शुरू की है। कम राशि वाली एकल जमा जांच दायरे में नहीं आएगी। अधिकारी के मुताबिक, ‘कर विभाग एकल आधार पर पांच लाख रुपए से कम राशि वाली जमाओं की फिलहाल अनदेखी कर सकता है।’
नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में भारी जमा के मद्देनजर संभावित कर चोरों को पकड़ने के लिए विभाग ने ‘आपरेशन क्लीन मनी’ शुरू किया। इसके तहत पांच लाख रुपए से अधिक की संदिग्ध राशि जमा करवाने वाले 18 लाख लोगों को एसएमएस, ईमेल भेजे गए। सात लाख से अधिक लोगों ने ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए अपने जवाब दिए और जमा करवाना स्वीकार किया। नोटबंदी के बाद दो लाख रुपए से अधिक की राशि में कुल 10 लाख करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं। इसमें से 4.5 लाख करोड़ रुपए की राशि का सत्यापन किया जा रहा है। बाकी राशि सरकारी एजंसियों या विभाग ने जमा करवाई है या उन लोगों ने करवाई है जिनकी आय व जमाओं का क्रम पहले भी ऐसा रहा है। इसलिए वे जांच दायरे में नहीं आते।
बचत खाते से ग्राहक अब हर हफ्ते 50 हजार रुपए तक निकाल सकते हैं। रिजर्व बैंक ने सोमवार से यह व्यवस्था लागू कर दी। अब तक यह सीमा 24 हजार रुपए हर हफ्ते थी। नोटबंदी के बाद बचत खाते से धन निकासी को लेकर एक और बड़ा बदलाव होना है। 12 मार्च के बाद बचत खाते से निकासी की कोई सीमा नहीं होगी। वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ने पहले ही इसका एलान कर रखा है। पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद एटीएम और बैंक खातों से धन निकासी को लेकर पाबंदी लगा दी गई थी। समय-समय पर समीक्षा के साथ पाबंदी में ढील दी गई। शुरू में एटीएम से निकासी की अधिकतम सीमा 2,500 रुपए रखी गई थी। इसे बाद में बढ़ाकर 4,500 रुपए कर दिया गया था। एक जनवरी से आरबीआइ ने एटीएम से निकासी की सीमा को बढ़ाकर 10 हजार रुपए और चालू खाते से निकासी की सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया था। साप्ताहिक सीमा 24 हजार रुपए रखी गई थी। इसे सोमवार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया।
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