मल्हार मीडिया ब्यूरो सागर।
धर्म के नाम पर भीड़ की अंधी दौड़ में दौड़ना लोग कब बंद करेंगे? कहीं से भी कोई सूचना मिलती है बस दौड़ पड़ते हैं। मध्यप्रदेश के सीहोर वाली गलती सागर जिले के बीना में भी दोहराई गई है।
यहां पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की रामकथा में वे परिवार की सुख समृद्धि के लिए अभिमंत्रित नारियल वितरण की सूचना सार्वजनिक तौर पर फैला दी गई थी लोग बहुतायत में इकट्ठे हो गए और भगदड़ मच गई।
कार्यक्रम के इंतजाम सुव्यवस्थित नहीं थे इसलिए भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई जिससे कई लोग घायल हो गए। कई लोगों को मंच पर लिटाया गया तो कई घायलों अस्पताल पहुंचाया गया।
आखिर में सीहोर के रूद्राक्ष वितरण कार्यक्रम की तरह नारीयल वितरण कार्यक्रम भी स्थगित करवाया गया।
बीना में खिमलासा रोड पर पर बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की रामकथा का आयोजन चल रहा है। यहां आज अभिमंत्रित नारियल का वितरण कार्यक्रम था।
कहा जाता है कि ये नारियल घर की सुख समृद्धि और अन्य मान्यताओं के लिए लोग ले जाते हैं। रामकथा के लिए बनाए गए करीब छह हजार वर्गफीट के पंडाल में रोज जितने लोग आते थे, आज अभिमंत्रित नारियल वितरण कार्यक्रम में उससे ज्यादा संख्या में श्रद्धालुजन पहुंच गए थे।
कार्यक्रम के लिए वॉलेंटियर भी ड्यूटी कर रहे थे लेकिन भीड़ ज्यादा हो जाने से वहां नारियल वितरण के दौरान अव्यवस्था फैल गई और भगदड़ में कई लोग दब गए। भगदड़ में रैलिंग भीड़ पर गिर गई। गर्मी के कारण कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत भी आई।
कई लोगों को नीचे गिर जाने पर चोटें भी आईं। इन्हें बीना के रिफायनरी अस्पताल और सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सिविल अस्पताल के डॉ. वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि अस्पताल में शाम तक करीब 20 घायल श्रद्धालु पहुंच गए थे। इनमें से तीन लोगों के पैरों मं फेक्चर था।
बाकी घायलों को देर शाम तक प्राथमिक उपचार कर घर भेज दिया गया. डॉ. ठाकुर के अनुसार एक दर्जन से अधिक घायल रिफायनरी व अन्य अस्पताल में ले जाए गए थे।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा भी रुद्राक्ष वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया था लेकिन ज्यादा श्रद्धालु पहुंच गए थे।
इस कारण भोपाल-इंदौर रोड पर लंबा जाम लग गया था। तब जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कार्यक्रम को निरस्त कराने के लिए पं. प्रदीप मिश्रा से मंच से ही एनाउंसमेंट कराया लेकिन इसके बाद प्रशासन की काफी आलोचना हुई थी।
बावजूद इसके सबक नहीं लिया गया और प्रशासन की तरफ से ढिलाई बरती गई।
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