Breaking News

नागा विद्रोह का समाधान नजदीक - कोविंद

राष्ट्रीय            Dec 01, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि दशकों पुराने नागा विद्रोह का समाधान नजदीक है। मोदी सरकार और नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल आफ नागालिम (एनएससीएन-आईएम) ने 3 अगस्त 2015 को एक फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अलगाववादी समूह 1997 में युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से लगातार नई दिल्ली के साथ बातचीत में संलग्न रहा है।

कोविंद ने कहा, "मैं एक ऐसे अंतिम समझौते, जो सभी के लिए उचित हो और सभी की उम्मीदों व आकांक्षाओं को पूरा करता हो, को लेकर आशावान हूं।"

राष्ट्रपति यहां नागालैंड के हॉर्नबिल महोत्सव और राज्य के स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे।

उन्होंने कहा, "पिछली आधी शताब्दी नागालैंड के लिए उपलब्धियों और साथ ही कठिनाइयों से भरी रही है। राज्य के लोग कई परीक्षणों से होकर गुजरे हैं लेकिन उनकी मौलिक प्रतिभा और ज्ञान व उनकी मौलिक भलाई स्पष्ट रूप से दिखती है।"

कोविंद ने कहा, "आज नागालैंड इतिहास बनाने के किनारे पर है। उग्रवाद के इतने वर्षों के बाद, आजा आशा है। राज्य के लोगों, नागरिक समाज संस्थानों और सभी हिस्सेदारों के समर्थन के साथ, स्थायी शांति का अवसर है।"

कोविंद ने कहा कि वह सुलह के मार्ग पर इतनी दूर तक तक आने के लिए सभी नागा समूहों को बधाई देते हैं।

राज्य में सरकार के समक्ष कोई विपक्ष नहीं है जिसपर राष्ट्रपति ने कहा, " यह एक अनोखी स्थिति है। यह दीर्घकालिक राजनीतिक समस्याओं को हल करने का मौका प्रदान करता है, जो स्थायी शांति भी प्रदान करता है। यह विकास की प्रक्रिया को तेज करने के साथ नौकरियों और अवसरों का निर्माण कर सकता है।"

उन्होंने कहा, "नागालैंड इस योग्य है। आप सभी इसके लायक हैं, राज्य के युवा इसके लायक हैं।"

मुख्यमंत्री टी. आर. जेलियांग ने कहा कि राज्य की पूर्ण क्षमता और विकास को नागा राजनीतिक संघर्ष के अनसुलझे मुद्दे ने अवरुद्ध कर दिया था।

उन्होंने कहा, "हम सभी को लगता है कि इन हालात को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि यह शांतिपूर्ण नागरिकों की सामान्य योजनाओं पर न सिर्फ बाधा डालते हैं, बल्कि प्रगतिशील विकास के पहलू के हर तरीके के रास्ते को अवरूद्ध करते हैं।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहु-आदिवासी समाज के रूप में, यह एक तथ्य है कि हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन जब सात दशक पुराने नागा राजनीतिक मुद्दे के समाधान की बात आती है, तो लोगों की आवाज एक समावेशी, सम्माननीय और स्वीकार्य समाधान के लिए होती है।

उन्होंने कहा, "हम शांति प्रक्रिया के 20 वर्षों से और फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद दो साल से गवाह रहे हैं।"

उन्होंने नागा विद्रोही समूहों को एक साथ लाने के प्रयासों में जनजातीय होहो, सिविल सोसायटी और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों द्वारा निभाई गई सक्रिय भूमिका को सराहा।

उन्होंने कहा, "तथ्य यह है कि विभिन्न गुट और सशस्त्र समूह अब एक समाधान की मांग कर रहे हैं जो वास्तव में बहुत उत्साहजनक है।"

जेलियांग ने कहा, "हम नागा राजनीतिक मुद्दे को हल करने के लिए नागा और भारत सरकार, दोनों के लिए इस समय को सबसे उपयुक्त मानते हैं।"



इस खबर को शेयर करें


Comments