मल्हार मीडिया डेस्क।
केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम की घोषणा होने के बाद जहां विपक्षी दल इस योजना को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं वहीं, केंद्र समेत कई राज्य सरकारों ने अग्निवीरों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं।
केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि अग्निवीर सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। आइए जानते हैं किन-किन राज्यों ने अग्निवीरों के लिए क्या घोषणा की है।
थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष ‘अग्निपथ’ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले ‘अग्निवीर’ सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की।
मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को घोषणा की कि उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस और संबंधित सेवाओं में भर्ती के लिए 'अग्निवीरों' को प्राथमिकता देगी।
आदित्यनाथ ने ट्वीट किया,'मां भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को उप्र सरकार प्रदेश पुलिस एवं संबंधित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी। युवाओं के उन्नयन एवं उनके सुरक्षित भविष्य के लिए बीजेपी की डबल इंजन की सरकार सतत समर्पित एवं पूर्णतः प्रतिबद्ध है। जय हिंद!'
मध्यदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि भारतीय सेना में अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिकों को मध्यप्रदेश पुलिस की भर्ती में वरीयता दी जाएगी। चौहान ने इस योजना का स्वागत करते हुए कहा, ‘ऐसे जवान जो अग्निपथ योजना में सेवाएं दे चुके होंगे, उन्हें मध्यप्रदेश पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।’
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। सीएम धामी ने कहा कि अग्निवीरों को चार साल की नौकरी के बाद उत्तराखंड पुलिस और संबंधित सेवाओं में प्राथमिकता दी जाएगी।
हरियाणा सरकार ने भी अग्निवीरों को नौकरी में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। राज्य के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि 75% अग्निवीरों (चार साल की सेवा के बाद) को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। इसी तरह दूसरी नौकरी में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
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