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पीबीडी:पीएम मोदी से मिलने की गफलत में गड़बड़ाई व्यवस्था, 140 में से 40 ही मिल सके

राष्ट्रीय            Jan 09, 2023


 मल्हार मीडिया ब्यूरो इंदौर।

मध्यप्रदेश के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना वाणिज्यक राजधानी में आयाजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन आज अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया।

कई अप्रवासियों को पहले गेट पर ही रोक दिया गया फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए चयनित एनइारआई को भी 140 की सूची में होने के बावजूद रोक दिया गया।

कार्यक्रम में एैन मौके पर हुई इन सभी का गफलतों की वजह से दुनिया भर से इंदौर आए एनआरआई बेहद नाराज हुए।

लंच के लिए तय नाम 103 से 140 हुए फिर 40 ही मिल सके प्रधानमंत्री की स्पीच के बाद 140 लोगों के साथ उनका लंच तय किया गया था।

पहले यह सूची 103 की थी जिसे अंतिम समय में 140 तक किया गया। बढ़ते दबाव और नाराजगियों के चलते सिर्फ 40 लोगों को ही अंतिम समय एंट्री मिली।

इस लंच में प्रमुख राजनेता, उद्योगपति, समाजसेवियों को शामिल किया गया था। पिछले 2 महीनों से तैयार हो रही इस लिस्ट में सभी लोगों ने पीएम मोदी के साथ बातचीत का सपना संजो रखा था जो अंतिम समय में टूट गया।

पीएम के साथ लंच करना प्रतिष्ठा का विषय बन गया और अंदर जाने की होड़ ने सभी प्रमुख लोगों को पीएम मोदी के साथ मीटिंग से वंचित कर दिया। इंदौर के राजनेता और सभी वरिष्ठ मन मसोस कर रह गए।

इंदौर के लिए दिन रात एक करने वालों का दिल टूटा। अमर उजाला ने इस कार्यक्रम के लिए दिन रात एक कर रहे प्रवासी भारतीयों से बात की तो उनका दर्द छलक पड़ा।

प्रवासी भारतीयों को इंदौर लाने के लिए कई महीनों से कड़ी मेहनत कर रहे फ्रेंड्स ऑफ एमपी के सदस्य भी अंतिम समय में पीएम मोदी से मुलाकात नहीं कर पाए।

इंदौर की प्रतिष्ठा की खातिर नाम न छापने की शर्त पर सभी ने बताया कि वह इस बात से बेहद दुखी हैं। उन्होंने दुनिया भर के लोगों को इंदौर लाने के लिए दिन रात मेहनत की लेकिन अंतिम समय में उन्हें दरकिनार कर दिया गया।

उधर विपक्षी पार्टी कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने इसकी निंदा करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि वे प्रवासी भारतीयों से माफी मांगें।

शुक्ला ने कहा कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन को "अतिथि देवो भव" के नारे के साथ अतिथियों को देवता की संज्ञा देते हुए आयोजित किया गया। इस आयोजन में पहले ही दिन इन दूसरे देशों से आए भारतीय नागरिकों को पंजीयन कराने में पसीने छूट गए। इससे पहले उन्होंने अपने ही देश से पंजीयन करा लिया था। इस पंजीयन का शुल्क भी चुकाया जा चुका है। उसके बावजूद यहां आयोजन स्थल पर इन प्रवासी भारतीय नागरिकों को पंजीयन का प्रवेश पत्र हासिल करना मुश्किल हो गया। कई घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी।

शुक्ला ने कहा कि आज भी इन प्रवासी भारतीय नागरिकों के अपमान का सिलसिला जारी रहा। आज प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर इस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे। जिस सभागार में औपचारिक उद्घाटन का कार्यक्रम आयोजित किया जाना था उस सभागार में प्रवेश पाने के लिए जब सुबह 8:00 बजे से प्रवासी भारतीय पहुंचने लगे तो उन्हें कहा गया कि यह सभागार पूरा भर गया है। इसमें अब आपके लिए जगह नहीं है।

 

इन प्रवासी भारतीयों को बाद में कहा गया कि आप दूसरे हाल में बैठकर टीवी पर प्रधानमंत्री का भाषण सुन लीजिए। इस तरह के अपमानजनक व्यवहार से आहत प्रवासी भारतीयों ने साफ शब्दों में कहा कि यदि हमें टीवी पर ही भाषण सुनना होता तो हम अपने देश में अपने घर पर बैठकर सुन लेते। हम यहां तक चलकर क्यों आते? प्रवासी भारतीयों ने उनके साथ अधिकारियों के द्वारा किए गए व्यवहार को अपमानजनक माना।

विधायक शुक्ला ने कहा कि अतिथियों के साथ इस तरह का व्यवहार निश्चित तौर पर बेहद शर्मनाक है। इस आयोजन में सरकार खुद पूरी ताकत से लगी थी, लेकिन आयोजन की बदइंतजामी सिर चढ़कर बोल रही है। आयोजन में यह स्थिति भाजपा के नेताओं को प्रवेश देकर हॉल भर दिए जाने के कारण बनी।

 


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