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भारतीय नौसनिक को पाक ने सुनाई सजा-ए-मौत

राष्ट्रीय            Apr 09, 2017


मल्हार मीडिया डेस्क।
पाकिस्तान में सोमवार को पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई गई है। कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान में जासूसी करने का आरोप था। कुलभूषण जाधव को पिछले वर्ष 3 मार्च को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान के जनरल कमर जावेद ने इस बात पर मुहर लगा दी है।

कुलभूषण जाधव के खिलाफ आतंकवाद और विध्‍वंस का आरोप लगाया गया था। प्रांतीय बलूचिस्तान सरकार द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उन पर ये आरोप लगाए गए थे। जाधव को ईरान से पहुंचने के बाद बलूचिस्तान में कथित तौर पर गिरफ्तार किया गया था।

पाकिस्तान ने जाधव पर देश में 'विध्वंसकारी गतिविधियों' की साजिश रचने का आरोप लगाया। क्‍वेटा के आतंकवाद निरोधक विभाग ने जाधव के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जाधव को रिसर्च ऐंड अनैलेसिस विंग (रॉ) का एजेंट होने के आरोप में बलूचिस्तान के चमान इलाके से गिरफ्तार किया था। चमान अफगानिस्तान की सीमा से सटा है।

पाकिस्तानी सेना ने जाधव का इकबालिया बयान जारी किया था जिसमें कथित रूप से कहा गया कि जाधव भारतीय नौसेना के सेवारत अधिकारी हैं। भारत ने माना था कि जाधव सेवानिवृत नौसेना अधिकारी हैं, लेकिन उसने इस आरोप का खंडन किया है कि वह सरकार से किसी भी रूप में जुड़े थे।

पाकिस्तान ने दावा किया था कि कुलभूषण जाधव ने कुबूल किया था कि वह रॉ के लिए काम करता है, और बलूचिस्तान में तैनात था। उनके अनुसार जाधव भारतीय नौसेना का सर्विंग अफसर है, इसे सीधे तौर पर रॉ चीफ हैंडल करते हैं। पाकिस्तान का दावा था कि वह 2022 में रिटायर होगा।

पाकिस्तान के दावे से उलट भारत ने सभी दावों को खारिज किया था। भारत ने कहा था कि वीडियो में जो भी जाधव बातें कर रहे हैं, उनमें कुछ भी सच्चाई नहीं है। जाधव का वीडियो में दिया गया बयान, दबाव में दिया गया बयान है। हालांकि भारत सरकार ने इस बात को कबूला था कि जाधव भारतीय नागरिक है और भारतीय नौसेना में काम कर चुका है।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जाधव कानूनी तौर पर ईरान में अपना व्यापार करता था, उसे हिरासत में परेशान किया गया। भारत ने यह शक भी जताया था कि कहीं जाधव को ईरान से अगवाह तो नहीं किया गया।

गौरतलब है कि कुछ समय पहले कुलदीप जाधव की ओर से एक वीडियो जारी किया गया था। वीडियो में जाधव ने कहा था कि वह वे दिसंबर 2001 तक भारतीय नौसेना का हिस्सा थे, उन्होंने संसद हमले के दौरान डोमेस्टिक इंटेविजेंस भी जुटाई थी। जिसके बाद उन्होंने भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए जानकारी भी जुटाई थी।

पाकिस्तान की ओर से जारी किये गये वीडियो में जाधव ने बताया था कि वह 2013 में रॉ में शामिल हुए थे, और ईरान के चाबहार इलाके में 10 साल पहले रॉ का बेस बनाया था। उन्होंने कराची और बलूचिस्तान का दौरा भी किया था। हालांकि भारत ने वीडियो में किये गये सभी दावों को खारिज किया था।



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