मल्हार मीडिया ब्यूरो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के शैक्षणिक अवसंरचना के पुनरुद्धार करने और विद्यार्थियों के बीच एक नई सोच को बढ़ावा देने की सरकार की वचनबद्धता को रेखांकित किया। शांति निकेतन पश्चिम बंगाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने यहां कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता रविन्द्रनाथ टैगोर अब भी एक वैश्विक नागरिक हैं और उन्होंने शिक्षा के लिए उनके योगदान को याद किया।
मोदी ने कहा, "अपनी विदेश यात्राओं के दौरान, मैंने देखा है कि कैसे लोग टैगोर और उनकी यात्रा के साथ जुड़ाव को याद करते हैं। टैगोर पहले भी, और यहां तक कि आज भी वैश्विक नागरिक बने हुए हैं।"
उन्होंने कहा, "गुरुदेव इस बात पर विश्वास करते थे कि प्रत्येक मानव यहां एक खास उद्देश्य के साथ है और शिक्षा उस उद्देश्य को पाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए, वह कहा करते थे कि शिक्षा सिर्फ वह नहीं है, जिसे सिर्फ स्कूलों में पढ़ाया जाता है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "वह चाहते थे कि छात्र यह समझें कि दुनिया में चीजें कैसे हो रही हैं, विदेश में लोग कैसे रहते हैं, उनके सामाजिक मूल्य और सांस्कृतिक चरित्र क्या हैं। लेकिन उसी समय वह, यह भी चाहते थे कि लोग अपनी भारतीयता को बनाए रखें।"
मोदी ने 2022 तक नया भारत बनाने के अपने विजन के बारे में कहा, "125 करोड़ भारतीयों ने 2022 तक नए भारत के निर्माण का संकल्प लिया है और इस तरह के प्रतिष्ठित संस्थानों को इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस तरह के संस्थान युवाओं को नई ऊर्जा, नई दिशा देते हैं।"
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शैक्षणिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए शिक्षा के बुनियादी ढांचे और प्रणालियों के पुनरुद्धार की परियोजना के अंतर्गत अगले चार वर्षो में एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
उन्होंने कहा, "शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने के अलावा, सरकार ने प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में उच्चस्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी(एचईएफए) की पहल की है।"
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इस पहल के अंतर्गत, एचईएफए का सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों(पीएसयू) या सरकार अधिकृत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के अंदर स्पेशल पर्पस व्हिकल(एसपीवी) के तौर पर गठन किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि युवा विद्यार्थियों की अभिनव मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए अटल टिंकरिंग लैब के लिए 2400 स्कूलों की पहचान की गई है।
मोदी ने अपनी बंग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ परिसर के अंदर बंग्लादेश भवन का उद्घाटन किया। भवन के अंदर एक संग्रहालय है, जिसमें देश, बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और भारत-बांग्ला संबंधों के साथ टैगोर के संबंध को दिखाया गया है।
मोदी ने हसीना की ओर इशारा करते हुए कहा, "शायद ही आप मुश्किल से दो प्रधानमंत्रियों को एक दीक्षांत समारोह में शामिल होते देखेंगे।"
मोदी ने कहा, "भारत और बांग्लादेश दो देश हैं, लेकिन सहयोग और समन्वय से जुड़े हुए हैं। चाहे यह संस्कृति हो या सार्वजनिक नीति, हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं। इसका उदाहरण बांग्लादेश भवन है।"
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