मल्हार मीडिया डेस्क।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के मध्य प्रदेश कैडर के अधिकारी प्रतीक हजेला पर असम सीआईडी ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का केस दर्ज किया है।
आईएएस पर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) में कॉर्डिनेटर के पद पर काम के दौरान गड़बड़ी का आरोप है। हजेला अभी मध्य प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय विभाग में प्रमुख सचिव के पद पर पदस्थ है।
प्रतीक हजेला सितंबर 2013 से नवंबर 2019 तक असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के स्टेट कॉर्डिनेटर के पद पर पदस्थ रहे है। हजेला पर वर्तमान में एनआरसी स्टेट कॉर्डिनेटर हितेश देव सरमा ने सीआईडी में FIR दर्ज कराई है।
सरमा की शिकायत के अनुसार हजेला ने एनआरसी स्टेट कॉर्डिनेटर रहते जानबूझकर गलत तरीके से लोगों को भारतीय नागरिक के रूप में शामिल किया। इसके लिए उन पर सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी करने का भी आरोप लगाया गया है।
इस वजह से हजेला के ऊपर राष्ट्र विरोधी कानून के तहत केस दर्ज किया गया है। FIR में हजेला के अलावा अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के नाम भी शामिल है।
असम में एनआरसी की अंतिम सूची का 2019 में प्रकाशन किया गया। इसके बाद से ही एनआरसी का मुद्दा गरमाया रहा। इसके बाद भारत के रजिस्ट्रार जनरल और एनआरसी प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया और प्रकाशित एनआरसी के फिर से सत्यापन की मांग की गई। इसके लिए एनआरसी की गड़बड़ियों को आधार बनाया गया है। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार की गई है।
वहीं, इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार में सामाजिक न्याय विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला का कहना है कि एनआरसी का काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में किया गया है। मैंने बिल्कुल सही काम किया है। मुझे अपने काम और अपने आप पर विश्वास है।
Comments