मल्हार मीडिया ब्यूरो।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एजीटी) ने मंगलवार को यमुना पुनर्जीवन परियोजना 'मैली से निर्मल यमुना' के दूसरे चरण की विस्तृत रपट सौंपने का निर्देश दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और राष्ट्रीय गंगा सफाई मिशन (एनएमसीजी) को बुधवार को दिया। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने अधिकारियों से न्यायाधिकरण को नदी में खुलने वाले नालों की संख्या की जानकारी व दिल्ली में इसमें डाले जाने वाले दूसरे कचरों की जानकारी देने को कहा है।
एनजीटी ने इस चरण के तहत नदी में डाले जाने वाले अपशिष्टों के उपचार के लिए बनाए जाने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एटीपी) की जानकारी भी मांगी है। यमुना में शाहदरा, बारापुला व दूसरी जगहों पर अपशिष्ट छोड़े जाते हैं।
न्यायाधिकरण ने इससे पहले प्रथम चरण के स्थानों को अंतिम रूप देने के संबंध में व डीजेबी व एनजीएमसी के बीच वित्तीय मामलों पर आदेश दिए थे।
पहले चरण में नजफगढ़ व दिल्ली गेट के नालों पर 14 एसटीपी बनाए गए थे।
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