Breaking News

हमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मसलों पर बातचीत करनी चाहिए - राष्ट्रपति

राष्ट्रीय            Dec 30, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि भारत को मानसिक स्वास्थ्य को कलंक मानने की धारणा को खत्म करना चाहिए। राष्ट्रपति ने सबके लिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए राष्ट्रीय मिशन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "सबसे बड़ी अड़चन यह कि मानसिक व स्नायु संबंधी विकार से पीड़ित मरीजों को बदनामी व निरादर का सामना करना पड़ता है। हमारे समाज को इस कलंक की संस्कृति के खिलाफ संघर्ष करना होगा।"

राष्ट्रपति यहां नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (एनआईएमएचएएनएस) के 22वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।

कोविंद ने कहा, "एक देश के रूप में हमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मसलों पर बातचीत करनी चाहिए और उसे गुप्त दोष की तरह नहीं लेना चाहिए, जिसे छिपाया जाता है।"

उन्होंने यह बात फिर दोहरायी कि मानसिक स्वास्थ्य खासतौर से युवाओं, बुजुर्गो और शहरी इलाके के लोगों के लिए एक समस्या है। भारत में इन तीनों वर्गो में बढ़ोतरी हो रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में कम से कम 10 फीसदी लोग एक या अधिक मानसिक विकारों से पीड़ित हैं और यह आंकड़ा जापान की आबादी से बड़ा है।

उन्होंने दुख जाहिर करते हुए कहा, "हमारे देश में करीब 5,000 मनोचिकित्सक और 2,000 से भी कम क्लिनिकल सायकोलॉजिस्ट हैं। यह तादाद बहुत ही कम है।"

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से 2014 में करवाए गए एक अध्ययन के मुताबिक भारत तनाव व चिंता से जूझ रहे लोगों की आबादी के मामले में विश्व का अग्रणी देश है।

कोविंद ने कहा, "2022 तक भारत को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि कई प्रकार के मानसिक विकारों से पीड़ित लोगों के रोगों का निदान हो और उनके लिए इलाज की सुविधाएं भी उपलब्ध हों।

राष्ट्रपति ने एनएमएचएएनएस को 'राष्ट्रीय संपत्ति' बताते हुए कहा कि संस्थान द्वारा सालाना सात लाख मरीजों का इलाज किया जाता है जिनमें कई विदेशी मरीज भी होते हैं। इस तरह यह संस्थान प्रशंसनीय कार्य करता है।

एनएमएचएएनएस केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत संचालित एक स्वायत्त संस्थान है। इसकी स्थापना 1925 में हुई थी।

दीक्षांत समारोह में कर्नाटक के राज्यपाल वाजूभाई आर. वाला, केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी नड्डा भी मौजूद थे।



इस खबर को शेयर करें


Comments