मल्हार मीडिया ब्यूरो।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को यहां भाजपा सरकार को संकीर्ण, जातिवादी व सांप्रदायिक करार देते हुए कहा कि बाबा साहेब के सपनों का भारत भाजपा व आरएसएस एंड कंपनी के राज में कभी नहीं बन सकता।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सोच संविधान की मंशा के विरुद्ध संकीर्ण, जातिवादी व घोर सांप्रदायिक है जबकि बाबा साहेब की सोच समतामूलक और मानवतावादी थी।
मायावती ने 13 मॉल एवेन्यू स्थित अपने निवास पर कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 'मन की बात' में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम का जो इस्तेमाल किया, वह केवल ढोंग व नाटकबाजी है। मोदी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में विशेषकर दलितों के लिए बहुत नाटक व ढोंग हो चुका है। अब भाजपा को और ज्यादा नाटक करने की कोई जरूरत नहीं है, उन्हें कोई भी राजनैतिक लाभ मिलने वाला नहीं है।"
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों में दलित व पिछड़ा वर्ग जीवन के हर क्षेत्र में और भी ज्यादा पिछड़ते चले जा रहे हैं। यही कारण है कि पिछले 65 वर्षो में भाजपा और आरएसएस को सत्ता से दूर रखा गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्यसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा और मोदी अंबेडकर के नाम का जिक्र जरूर करते हैं लेकिन उन वर्गो से जुड़े लोगों पर ही हमला करते हैं। इसका उदाहरण राज्यसभा चुनाव ही है, जहां बसपा उम्मीदवार बाबा साहेब के हमनाम भीमराव अंबेडकर को हराने के लिए भाजपा ने एक अतिरिक्त उम्मीदवार उतार दिया।
मायावती ने कहा कि सपा व बसपा की नजदीकी को लेकर भाजपा बौखला गई है और बेतुकी बयानबाजी कर रही है। उन्होंने कहा कि बसपा-सपा की नजदीकी स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि केंद्र व राज्यों की सत्ता में भाजपा सरकारों के कुशासन को रोकने के लिए हुई है। इसलिए भाजपा नेता सपा व बसपा को कितना भी भड़काने की कोशिश क्यों न कर लें, लेकिन हम बहकावे में कतई भी आने वाले नहीं हैं। अब इनकी (भाजपा) अनर्गल बयानबाजी से हम पर तिलभर भी असर नहीं पड़ने वाला है।
मायावती ने लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे और महागठबंधन के संकेत देते हुए कहा कि देश व जनहित में बसपा-सपा के साथ सभी विपक्षी दलों को मिलकर भाजपा को इस बार (2019) केंद्र की सत्ता में आने से जरूर रोकना होगा।
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