मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद के एक बयान पर सियासत गरमा गई है. उन्होंने कहा है कि लोगों की सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है. पटेल ने कहा कि जब भी कोई नेता उनसे मिलने आता है तो उनको एक चिट्ठी पकड़ा जाता है, ये गलत है. विपक्षी दल कांग्रेस ने इस बयान पर कुछ सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा है कि पटेल आखिर किसको भिखारी कह रहे हैं.
1 मार्च की बात है. प्रहलाद पटेल राजगढ़ जिले के सुठालिया कस्बे में पहुंचे थे. वहां उनको स्वतंत्रता सेनानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा के अनावरण में चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था. इस दौरान उन्होंने कहा,जब भी कोई नेता आते हैं तो एक टोकना (टोकरी) भरकर कागज मिलते हैं. जब माला पहनाएंगे तो भी एक चिट्ठी पकड़ा देंगे. ये आदत अच्छी नहीं है. लेने की बजाय देने का मानस (मानसिकता) बनाइए. मैं दावे से कहता हूं कि आप भी सुखी होंगे और संस्कारवान समाज को खड़ा करेंगे. ये भिखारियों की फौज जमा करना… ये समाज को मजबूत करना नहीं है. ये समाज को कमजोर करना है. मुफ्त की चीजों के लिए आकर्षित होना, वीरांगनाओं का सम्मान नहीं है. किसी शहीद का सम्मान तब है, जब हम उनके गुणों के साथ जीने की कोशिश करेंगे.
पटेल ने शहीदों के संदर्भ में कहा कि क्या कोई ऐसे किसी शहीद का नाम जानता है, जिन्होंने किसी से भीख मांगी हो. उन्होंने आगे कहा, अगर किसी शहीद ने भीख मांगी हो तो मुझे नाम बताना. इसके बावजूद हम आते हैं और अपना कार्यक्रम करके चले जाते हैं. मैं एक ही भिक्षा मांगकर अपनी बात खत्म करता हूं… मैं नर्मदा का परिक्रमावासी हूं, तो मैं भी भिक्षा मांगता हूं लेकिन खुद के लिए कभी नहीं मांगता. कोई नहीं कह सकता कि उसने प्रहलाद पटेल को कुछ दिया…
कांग्रेस ने सवाल उठाए
पटेल का ये बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. इसके बाद कांग्रेस ने मंत्री और राज्य में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) को लेकर कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं. मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने X पर लिखा है,
मैं बड़ी विनम्रता से दोहराना चाहता हूं. भाजपा अहंकार के चरम स्तर पर है. इसके पीछे भाजपा को बड़ी और भारी संख्या में मिला जनता का एकतरफा वोट भी है! नहीं तो, मध्य प्रदेश क्या पूरे देश में भाजपा के एक भी विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री यहां तक कि प्रधानमंत्री की भी इतनी हैसियत नहीं है कि जनता को भिखारी कह दें!
पटवारी ने आगे लिखा,
कर्ज लेने से रोकना! कमीशन का विरोध करना! करप्शन के खिलाफ बोलना! अपने हक की लिखित मांग करना! किसानों के अधिकार के लिए आवाज उठाना! लाड़ली बहनों के लिए 3000 रुपये मांगना! संकल्प-पत्र पूरा करने की याद दिलाना! अधिकार की ऐसी आवाज को भाजपा यदि भीख कहती है, तो जनता को सोचना होगा कि वोट की भीख मांगने वाले, उसे सरेआम भिखारी कहने की हिम्मत कैसे कर रहे हैं? यदि वोट की भीख मांगने वाले सत्ता के व्यापारी जनता को भिखारी कहकर भी कुर्सी पर बने रह सकते हैं, तो ये भी जनमत के अपमान की ऐतिहासिक पराकाष्ठा होगी!
उन्होंने कहा कि भाजपा का भाग्य लिखने वाली जनता भिखारी नहीं है.
"भिखारी बोला किसको?"
राज्य के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि पटेल ये स्पष्ट करें कि वो किसको भिखारी कह रहे हैं. उन्होंने कहा,
मैं मानता हूं कि आम जनता का काम करना सरकार और सरकार के मंत्रियों का फर्ज है. कोई गरीब या पीड़ित है, तो वो स्वाभाविक रूप से न्याय के लिए आता है. ऐसा करने से वो भिखारी नहीं हो सकता. प्रहलाद पटेल वाकई गंभीर और वरिष्ठ मंत्री हैं और उन्होंने किस भाव से कहा है ये तो मुझे नहीं पता. वो प्रदेश की जनता को भिखारी बोल रहे हैं या किसी और को भिखारी बोल रहे हैं? भाजपा को ये स्पष्ट करना चाहिए.
इस बीच कांग्रेस ने अपने आधिकारिक X अकाउंट से भी एक पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा है कि पटेल के इस बयान से BJP की मानसिकता का पता चलता है. पार्टी ने लिखा कि पटेल जनता को भिखारी समझते हैं और खुद को राजा, ये वही मानसिकता है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है. कांग्रेस ने कहा कि प्रहलाद पटेल, PM मोदी के चहेते नेता हैं और उनके मन की बात को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं.
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