अरविंद तिवारी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि राजनीति जुगाडू चीज है पर मुझमे जुगाडूपन बिल्कुल नही है। मै भावना के आधार पर सेवा करता हूं और मेरा एकमात्र लक्ष्य किसी पद के पीछे दौडने के बजाय प्रदेश की 7,50 करोड जनता के दिल मे अपने लिए जगह बनाना है।
बकौल सिंधिया मैं भावनात्मक तौर पर मध्यप्रदेश के लिए समर्पित हूं। बहुत महत्वाकांक्षी हूं और आशावान भी हूं पर अपने लिए नहीं प्रदेश की प्रगति और विकास के लिए। रविवार शाम इंदौर मे चुनिंदा लोगों के साथ संवाद मे सिंधिया कई मुद्दो पर खुलकर बोले और कहा की सत्ता और पद कभी मेरा लक्ष्य नहीं रहा है।
संवाद का आयोजन मध्यप्रदेश के इंदौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अजय बागड़िया ने किया था और इसमे डाक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील और चुनिंदा पत्रकार शामिल थे। दो घंटे के इस संवाद मे उनसे जब यह पूछा गया की मध्यप्रदेश को आपका नेतृत्व कब मिलेगा तो उन्होंने कहा यह तय करना मेरे हाथ मे नहीं है। उन्होने कहा देश मे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समाप्त हो चुकी है और प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ पर लगातार हमले हो रहे हैं।
कांग्रेस को लेकर उठे सवाल पर उन्होने कहा हममे कमी हो सकती है और है भी तभी तो हम विपक्ष मे हैं पर जो लोग अभी देश पर राज कर रहे है उन्हे भी तो आप पहचानो। ये लोग भारत की आत्मा को भस्म कर हमे एक लुंज-पुंज शरीर जैसा रखना चाहते हैं।
देश की गंगा जमुनी संस्कृति का उल्लेख करते हुए वे बोले यही वह देश है जहां दिवाली मे अली है तो रमजान मे राम। इस संस्कृति के साथ जो खिलवाड कर रहा है उसका जनता को विरोध करना चाहिए नही तो आप वाली पीढी हमे कभी माफ नहीं करेगी।
सिंधिया बोले यदि हमे मध्यप्रदेश को आगे लाना है तो वे विजन साथ काम करना होगा। एक नई विचारधारा और नए सोच के साथ ही हम आगे बढ सकते हैं। अभी हम बात बडी बडी करते हैं पर प्रदेश मे एक उद्योग लगा नहीं पाते, किसान प्रताडिंत हैं, महिलाएं असुरक्षित हैं और हर स्तर की सरकारी अनुमति मे भारी अडंगेबाजी। ऐसे मे हम प्रदेश को कैसे आगे ले जा पायेंगे।
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