मल्हार मीडिया ब्यूरो।
अरुणाचल प्रदेश में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में तकाम पारियो को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। पालिन विधानसभा सीट से विधायक पारियो पूर्व कांग्रेस सांसद तकाम संजय के भाई हैं। वह इस पद पर पेमा खांडू की जगह लेगें, जिन्हें कल देर रात पार्टी के 7 नेताओं के साथ सस्पेंड कर दिया गया था।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) के नेता पेमा खांडू पर भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते प्रभाव से पार्टी नेतृत्व नाराज था और यही उनके निलंबन का कारण बनीं। पीपीए ने सीएम पेमा खांडू के अलावा डिप्टी सीएम चोवना मेन और 5 विधायकों की पार्टी से सदस्यता अस्थायी तौर पर रद्द कर दी है। इन पांच विधायकों में जेम्बी टाशी (लुमला सीट), पासांग दोरजी सोना (मेचुका), चोव तेवा मेन (चोखाम), जिंगनू नामचोम (नामसाई) और कामलुंग मोसांग (मियाओ) शामिल हैं।
पीपीए अध्यक्ष काहफा बेंगिया ने एक आदेश में कहा कि पार्टी के संविधान और 20 दिसंबर को कार्यकारी समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव के जरिए मिले अधिकार के तहत विधायकों को अस्थायी तौर पर प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। बेंगिया ने कहा कि प्रथम दृष्टया इन साक्ष्यों से वह संतुष्ट थे कि ये लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। आदेश में आगे कहा गया है कि निलंबन के साथ खांडू अब पीपीए विधायक दल के नेता नहीं रहे। उन्होंने पार्टी विधायकों और पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे खांडू की ओर से बुलाई गई किसी बैठक में शामिल नहीं हों और आदेश की अवहेलना करने वाले सदस्य को पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा।
गुरुवार को पीपीए अध्यक्ष काहफा बेंगिया ने विधानसभा स्पीकर को इन सात सदस्यों के खिलाफ पार्टी की ओर से 'अनुशासनात्मक कार्रवाई' और पार्टी द्वारा उनके 'अस्थायी' निलंबन के फैसले के बारे में सूचित किया। बेंगिया ने इंडिया टुडे से बताया कि पीपीए के सदस्यों का एक बड़ा वर्ग पार्टी की स्वायत्तता को लेकर चिंतित था।
इससे पहले भी अरुणाचल प्रदेश में बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया था जब पेमा खांडू समेत कांग्रेस के 43 विधायकों ने पार्टी छोड़ी थी। सभी विधायक पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए थे। इसके बाद से ही पीपीए में पहले से मौजूद और हाल ही में शामिल हुए नए सदस्यों में मतभेद जारी था। पीपीए को बीजेपी का समर्थन मिला है।
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