मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने किसान, गरीब और मध्यम वर्ग के बिजली उपभोक्ताओं पर दर वृद्धि की मार का कड़ा विरोध किया है। श्री यादव ने बिजली के दामों में जबरदस्त बढ़ोतरी को अंडानी-अंबानी और इन जैसे अन्य बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने और सूबे की जनता के साथ अत्याचार निरूपित किया है।
श्री यादव ने रविवार को जारी एक बयान में कहा है कि प्रदेश की शिवराज सरकार बार-बार सरप्लस बिजली स्टेट होने का दावा करती है। सरकार के दावों के अनुसार 14 हजार मेगवाट के लगभग बिजली की उपलब्धता मध्यप्रदेश के पास है। अगले दो सालों में इस उपलब्धता को 20 हजार मेगवाट तक पहुुंचाने का दावा मुख्यमंत्री बार-बार कर रहे हैं। प्रदेश सरकार का यह भी दावा है कि मध्यप्रदेश की सरप्लस बिजली से दिल्ली मेट्रो दौड़ रही है।
श्री यादव ने कहा है कि सरप्लस बिजली मध्यप्रदेश के पास है, ऐसे में किसान, गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं पर दाम की बढ़ोतरी की मार आखिर क्यों मारी जा रही है। प्रदेश में 10 अप्रैल से बिजली के दाम बढ़ाये जा रहे हैं। बिजली के दामों में बढ़ोतरी का आलम यह है कि किसानों को दी जा रही बिजली की दरें बढ़ाई जा रही हैं। मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं पर बेतहाशा भार दरें बढ़ाकर लादा जा रहा है। और तो और 30 यूनिट तक बिजली का उपभोग करने वाले गरीब उभोक्ताओं को भी वृद्धि की मार से नहीं बख्शा गया है।
श्री यादव ने कहा है कि बिजली महकमे के अधिकारियों पर होने वाले अनाप-शनाप व्यय, उद्योगपतियों से सांठगांठ और अडानी-अंबानी जैसे उद्योगतियों को लाभ पहुंचाने की कुत्सित मानसिकता को सरकार छोड़ दे तो गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं पर दरों की मार पड़ना स्वयं बंद हो जाये। केवल कागजों पर बिजली उत्पादन भी गरीब व मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं पर मार की बड़ी वजह है।
श्री यादव ने गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं पर बेवजह डाले जा रहे भार और बिजली की दरों में बढ़ोतरी के निर्णय को वापस लेने की मांग सरकार से की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि दरों में वृद्धि का फैसला सरकार ने वापस नहीं लिया तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी राज्य व्यापी आंदोलन करेगी।
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