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कांग्रेस ने लगाया आरोप मप्र में भाजपा सरकार में लूट की छूट

राज्य            Mar 10, 2017


मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने कहा है कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के 13 वर्षों के कार्यकाल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित, 24 मंत्रियों, 11 आईएएस, 35 आईपीएस, 19 आईएफएस के खिलाफ लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। इसके साथ ही ये अत्यंत हास्यास्पद स्थिति है कि मुख्यमंत्री सहित 22 मंत्रियों, 106 आईएफएस, 31 आईपीएस, 17 आईएएस और अन्य 15 विभागाध्यक्षों को लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने क्लीनचिट भी दी है। जिसमें सरकार कहीं न कहीं संदेह के घेरे में है। यह अत्यंत दुर्भाग्य का विषय है कि प्रदेश में व्यापमं-सिंहस्थ महाघोटाला, 12 अरब रूपयों को पोषण आहार घोटाला, 1500 करोड़ रूपयों का शौचालय घोटाला, 100 करोड़ रूपयों का सुगनी देवी घोटाला, 5000 करोड़ रूपयों का मनरेगा घोटाला, 11000 करोड़ रूपयों का सड़क घोटाला और हजारों करोड़ रूपयों का बांध निर्माण घोटाला, दवा सप्लाई घोटाला, ड्रग ट्राईल घोटाला, बिजली खरीदी घोटाला, सार्वजनिक वितरण प्रणाली घोटाला, सहकारी बैंक घोटाला, खाद-बारदान, चना खरीदी घोटाला, कम्प्यूटर लेपटाप घोटाला, गणवेश घोटाला, साईकिल घोटाला, कपिलधारा घोटाला, लाड़ली लक्ष्मी योजना घोटाला, मध्यान्ह भोजन घोटाला जैसे सैकड़ों घोटालों में हजारों करोड़ रूपये मंत्रियों और अफसरों की मिलीभगत से लूटे गये हैं।

श्री सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं को किसान पुत्र होने का दावा करते हैं, किन्तु वहीं मध्यप्रदेश किसान आत्महत्या में अग्रणी स्थान पर है, प्रदेश में 30 हजार किसानों ने आत्महत्याऐं की हैं, मई 2016 की नेशनल क्राईम ब्यूरो रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 19 महिलाएं और 2 बच्चे प्रतिदिन लापता हो रहे हैं, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, दुष्कर्म और महिलाओं के साथ अपराध में प्रदेश देश में अव्वल स्थान पर है। प्रदेश में लगातार अपहरण, डकैती, सिमी का नेटवर्क और आतंकवादी घटनायें घटित हो रही हैं।

प्रदेश भ्रष्टाचार में देश में दूसरे पायदान पर काबिज है और मुख्यमंत्री प्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बताते हुए नहीं अघाते हैं। प्रदेश पर 1 लाख 62 हजार करोड़ रूपयों का कर्ज हो चुका है। प्रति व्यक्ति 15,500 रूपये कर्जबोझ से दबा हुआ है। मुख्यमंत्री के भाई-भतीजे और भाजपा के नेता अवैध उत्खनन के कारोबार में संलग्न हैं। उन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री जो ‘जीरो टालरेंस’ की बात करते हैं, वह सिर्फ एक जुमला बनकर रह गया है।
श्री सक्सेना ने कहा कि इस प्रदेश में भाजपा सरकार ने अरबाों रूपये की बेशकीमती जमीनें चहेते उद्योगपतियों को कौड़ियों के भाव में उद्योग लगाने के नाम पर आवंटित की है, किन्तु आज तक एक भी बड़ा उद्योग इस प्रदेश में स्थापित नहीं हो सका है। इससे साफ जाहिर है कि मप्र भ्रष्टाचार का स्वर्णिम प्रदेश बन चुका है, जिसमें प्रदेश के मंत्री और अधिकारी मलाई काट रहे हैं।



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