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कांग्रेस ने पूछा क्या भ्रष्टाचार की कमाई में आरएसएस की भागीदारी है ?

राज्य            Mar 06, 2017


मल्हार मीडिया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने आगामी 11 मार्च को देवास जिले के नेमावर में ‘‘नर्मदा सेवा यात्रा’’ में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के हिस्सा लेने पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह जानते हुए कि पिछले 11 वर्षों में ‘माँ नर्मदा’ से रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन, संग्रहण और कालाबाजारी कौन कर रहा है, उसके बावजूद भी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अगुवाई में जारी विवादास्पद ‘‘नर्मदा सेवा यात्रा’’ में हिस्सा लेना यह प्रामाणित कर रहा है कि ‘‘भ्रष्टाचार की कमाई मे आरएसएस की भी भागीदारी है।’’ लिहाजा, उसके द्वारा बहुप्रचारित नैतिकता, ईमानदारी, सिद्धांत और चरित्र की दुहाईयां सिर्फ और सिर्फ पाखंड ही है।

आज जारी अपने बयान में श्री मिश्रा ने कहा है कि एक ओर पाखंडों की उक्त फेहरिश्त की दुहाईयां देते हुए संघ परिवार थकता नहीं है, प्रदेश में करोड़ों-अरबों रूपयों के व्यापमं-सिंहस्थ महाघोटाले और भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश में कुपोषण से हुई लाखों बच्चों की असामायिक मौतों पर उसने खामोशी ओढ़ रखी है! वहीं दूसरी ओर व्यापमं महाघोटाले की एफआईआर में शामिल संघ से संबद्ध सुरेश सोनी को कुछ दिनों तक अपने पद से कार्यमुक्त करने के बाद एक बार फिर नवाज दिया गया है, हाल ही में 2200 करोड़ रूपयों के कटनी हवाला कांड की जद में आये राज्यमंत्री संजय पाठक के साथ नानाजी देशमुख की पुण्यतिथि पर संपन्न एक कार्यक्रम में भागवत ने मंच भी साझा किया है, ऐसा क्यों? क्या संघ की नैतिकता, ईमानदारी, सिद्धांत और चरित्र की यही परिभाषा है?

 

श्री मिश्रा ने विवादास्पद ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ में संघ प्रमुख भागवत के हिस्सा लेने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के उक्त प्रामाणिक आरोप सिर्फ राजनैतिक आरोप ही न होकर संघ परिवार और उसके तथाकथित चरित्र को एक गंभीर चुनौती भी हैं। इसलिए आवश्यक होगा कि भागवत प्रदेश के प्रमुख प्रतिपक्ष के इन गंभीर आरोपों पर संघ परिवार की नैतिकता, ईमानदारी, सिद्धांत और चरित्र की परिभाषा को स्पष्ट करें।



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