मल्हार मीडिया।
आखिर शराब बंदी की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने ठोस कदम बढ़ाने शुरू कर ही दिए मध्यप्रदेश कैबिनेट ने आज नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी।इस नीति के लिए ये संकेत मिले हैं कि सरकार शराब बंदी को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है नई नीति में यह तय किया गया है कि अब कोई नई शराब की दुकान प्रदेश में नहीं खुलेगी साथ ही नर्मदा नदी के किनारे अभी 58 वाइन शॉप हैं, उन्हें बंद किया जाएगा नर्मदा किनारे से 5 किमी के दायरे में कोई भी शराब की दुकान नहीं रहेगी जबकि नेशनल हाई-वे के किनारे बनी शराब दुकानों को हाई-वे से 500 मीटर की दूरी पर रखा जाएगा
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में वर्ष 2017-18 के लिए समग्र आबकारी नीति अनुमोदित की गई। नीति के अनुसार नर्मदा किनारे से 5 किलोमीटर की दूरी में स्थित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों को बंद किया जाएगा। प्रदेश में इस वर्ष कोई नई मदिरा दुकान नहीं खोली जाएगी।
जनसंपर्क मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद द्वारा आज अनुमोदित समग्र आबकारी नीति तीन भागों क्रमश: मद्य संयम, राजस्व संग्रहण और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में विभाजित है। समाज में मदिरापान की प्रवृत्ति पर संयम के लिए जागरूकता की दृष्टि से प्रदेश में विभिन्न आयोजन एवं सेमीनारों सहित नशामुक्ति के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसमें योग और मेडिटेशन थैरेपी सेंटर, मद्य सेवन से होने वाली बीमारियों की जानकारी देने और सोशल मीडिया के साधनों का उपयोग करना शामिल है। वर्ष 2017-18 के लिए होलोग्राम में अत्याधुनिक फीचर जोड़े जायेंगे। होलोग्राम की डुप्लीकेसी की संभावना को रोकने के लिए एसएमएस अलर्ट का प्रावधान रखा गया है। इसमें मदिरा के वैध स्त्रोत की जाँच की व्यवस्था भी है।
मध्यप्रदेश में मद्य संयम के अंतर्गत व्यसन मुक्ति के लिए सेमीनार आयोजित करने के साथ-साथ स्कूल, कॉलेज के पाठयक्रम में मादक पदार्थो के सेवन से हानि के संबंध में जागरूक करने के लिए भी व्यवस्था की जायेगी। नीति में नशा करके ड्रायविंग करने पर प्रथम बार छ: माह तथा दूसरी बार दो वर्ष के लिए ड्रायविंग लायसेंस निलंबित करने का प्रावधान भी रखा गया है। तीसरी बार में ड्रायविंग लायसेंस निरस्त करने के लिए परिवहन विभाग को लिखा जाएगा। मदिरा दुकानों के बोर्ड और मदिरा की बोतलों के लेवल पर ' मदिरा पान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ' होने संबंधी वैधानिक चेतावनी प्रमुखता से अंकित की जाएगी। ड्रंकननेस को क्रिमिनल जिम्मेदारी के विरुद्ध एक डिफेंस की तरह उपयोग करने वाली आईपीसी की धारा 184 में सुधार के लिए राज्य अमेंडमेंट का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा जाएगा। नीति में थानों पर आबकारी के आदतन अपराधियों और दुकानों पर आदतन ग्राहकों की सूची रखने की व्यवस्था रखने का प्रावधान भी है।
मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार नर्मदा नदी से पाँच किलोमीटर की परिधि में संचालित 12 जिलों की 58 मदिरा की दुकानों को बंद किया जाएगा। इनमें डिण्डौरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, होशंगाबाद, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा, धार तथा खरगोन जिलों की 39 देशी और 19 विदेशी मदिरा दुकानें शामिल हैं।
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश वेंचर फायनेंस लिमिटेड में पदेन रूप में प्रमुख सचिव/सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग को राज्य शासन की ओर से संचालक नामित करने का निर्णय लिया गया। आयुक्त संस्थागत वित्त के स्थान पर अपर मुख्य सचिव /प्रमुख सचिव, वित्त विभाग को मध्यप्रदेश वेंचर फायनेंस लिमिटेड तथा मध्यप्रदेश वेंचर फायनेंस ट्रस्टी लिमिटेड के संचालक मंडल में संचालक के साथ-साथ पदेन अध्यक्ष के रूप में नामित करने के निर्णय को मंजूरी दी गई।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के नवगठित जिले सिंगरौली एवं अलीराजपुर के सेनानी कार्यालयों के लिए (प्रत्येक के लिए) 25-25 पद (कुल 50 पद) तथा जिला सिंगरौली, अलीराजपुर एवं आगर मालवा में प्रत्येक के लिए एक-एक कंपनी के मान से कुल 495 स्वयं सेवकों के पदों के सृजन को मंजूरी दी।
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