शिवपुरी से संजीव पुरोहित।
मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में क्या—क्या कारनामें होते रहते हैं यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। लेकिन जिम्मेदार लोग इस पर उठने वाले सवालों से बचना चाहते हैं यह हैरानी वाली बात है। मामला शिवपुरी जिला चिकित्सालय का है। जिसकी अव्यवस्थाओं के बारे में स्वास्थ्य मंत्री से जब मीडिया ने सवाल पूछने शुरू किए तो पहले तो वह झल्लाये फिर बोले आप लोगों को इस तरह के सवाल करना है तो जय राम जी की।
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले का न.1 जिला चिकित्सालय अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की के कारनामों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहता है। पिछले आठ दिन से 1 शिवपुरी जिला अस्पताल के आईसीयू में ताले झूल रहे हैं और मरीजों को ग्वालियर रेफर किया जा रहा है लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री रुस्तमसिंह इसे फेलियर नहीं मानते। इतना ही नहीं मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर वह झल्ला भी जाते हैं।
प्रभारी मंत्री से जब अस्पताल की दुर्दशा को लेकर सवाल किया तो उनका कहना था कि अगर स्पेशलिस्ट नहीं हैं तो भी इलाज तो हो रहा है। ये कोई फेलियर नहीं हैं। मेरे ग्रह जिले मुरैना सहित प्रदेश के कई जिला अस्पतालों में तो आईसीयू ही नहीं हैं।
एक माह पहले डॉक्टरों द्वारा वीआरएस का नोटिस देने के बावजूद विभाग ने पहले से कोई इंतजाम नहीं किए। इस पर मंत्री विफर गए उनका कहना था कि यह एक प्रजातांत्रिक व्यवस्था है, किसी डॉक्टर को जबरदस्ती पकड़कर काम तो करवाया नहीं जा सकता, फिर भी हम नियमानुसार कार्रवाई कर रहे हैं।
जब मंत्री से इस मामले में अब तक डॉक्टरों को नोटिस तक जारी न किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो वह मीडिया पर झल्लाते हुए बोले कि आयुक्त और सचिवालय में आप बैठते हो क्या? प्रक्रिया चल रही है आपको क्या बता दें और मैंने अस्पताल प्रबंधन से जानकारी ली है। इलाज तो हो ही रहा है।
जब पूछा गया कि अस्पताल में तो टांके तक स्वीपर लगा रहे हैं क्या यही व्यवस्था है? इस पर मंत्री झल्लाते हुए प्रेसवार्ता छोड़कर यह कहते हुए आगे बढ़ गए कि आप लोगों को इस तरह के सवाल करना है तो जय राम जी की।
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