मल्हार मीडिया।
र्स्माट सिटी बनाने के चक्कर में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक हजार परिवारों के सड़क पर आने की नौबत आ गई है। इन परिवारों को जर्जर मकानों में शिफ्ट किया जा रहा है जिसका विरोध यहां के रहवासी कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर साउथ टी.टी. नगर के लगभग 1000 आवासों को रिक्त कराने के लिये संपदा संचालनालय ने नोटिस बाटना शुरू कर दिया है जिससे इस क्षेत्र में रहने वालें शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है। संपदा संचालनालय ने कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए टुकड़ों में नोटिस जारी किये है। संपदा संचालनालय द्वारा विस्थापन के लिये जिन रिक्त आवासों की सूची चस्पा की गई है उसमें अधिकांश आवास जर्जर हैं जिनमें रहने पर कभी भी काई गम्भीर दुर्घटना हो सकती है।
संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि पहले जब भी सरकारी आवास रिक्त कराये गये हैं तो नये आवास बनाकर ही कर्मचारियों को विस्थापित किया गया है। उन्होने कहा कि बोर्ड एवं युनीवरसीटी की परिक्षायें चल रही है ऐसे में कर्मचारी कैसे मकान शिफ्ट कर सकेंगे ।
श्री शर्मा ने कहा आवास रिक्त कराने के नोटिस को निरस्त किया जायें। पहले नये आवास बनाये जाये फिर इस क्षेत्र के कर्मचारियों से आवास रिक्त कराये जायें। इस संबंध में क्षेत्र के निवासियों की बैठक आयोजित की जा रही है तथा आगामी आंदोलन की रणनीति तय की जायेगी। जब तक नये आवास बना कर उनमें कर्मचारियों को षिफट नही किया जाता तब तक कर्मचारी आवास रिक्त नही करेंगे। उन्होने कहा कि नार्थ टी.टी. नगर का एक बडा हिस्सा खाली पडा हुआ है पहले वहां पर स्मार्ट सिटी का कार्य शुरू किया जाये ।
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