मल्हार मीडिया।
फरवरी को संत और पुजारी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 14 फरवरी को आंदोलन करेंगे और 16 फरवरी से उत्तरप्रदेश में रथयात्रा शुरू होगी। मध्यप्रदेश के आयोजनों में संतो,आचार्यो और पुजारियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मप्र संत और पुजारी संयुक्त महासंघ अब विरोध के स्वर बुलंद कर रहा है। इसी सिलसिले में महासंघ की बैठक रविवार को भोपाल में हुई। संतों ने कहा कि सरकार लगातार संत और पुजारियों की उपेक्षा कर रही है। बिना सहमति के चार मंदिरों के विधेयक लाए जा रहे हैं। इसके विरोध में 14 फरवरी दोपहर 11 बजे से भोपाल में दो दिवसीय अनशन, धरना आंदोलन होगा। फिर भी सरकार नहीं मानी तो 16 फरवरी से उप्र में रथ यात्रा निकाली जाएगी।
बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा में महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा, महामण्डलेश्वर राधे बाबा,महामण्डलेश्वर नरसिंह दास, पंडित चन्द्रशेखर तिवारी,पंडित धर्मेन्द्र शास्त्री,पंडित नरेन्द्र दीक्षित ने बताया कि 14-15 फरवरी को दोपहर 11 बजे से को भोपाल में कमला पार्क में करीब हजारों सांधु-संत एवं पुजारी धरने पर बैठेंगे। उनके साथ नागा बाबा धूनी रमाएंगे।
पंडित योगेंद्र महंत के अनुसार आंदोलन में अयोध्या, चित्रकूट, बनारस, मथुरा, वृंदावन,उज्जैन तथा ओंकारेश्वर से सांधु-संत और पुजारी भोपाल पहुंचेंगे। दरअसल संत और पुजारियों की मांग है कि मठ-मंदिरों पर प्रशासन का हस्तक्षेप रुके। मंदिर और मठों का नामांतरण वंशानुगत व गुरु-शिष्य परंपरा अनुसार हो।प्रदेश में होने वाले धार्मिक आयोजनों में धर्माचार्यों की उपेक्षा न हो।वही प्रदेश के प्रमुख मंदिरों के खिलाफ जो मठ - मंदिरों के सरकारीकरण करने का विधेयक लाने की चेष्टा हो रही है, उसे रोका जाए।साथ ही संस्कृत की अनिवार्यता समाप्त की जा रही है उसे वापस लेते हुए देवभाषा संस्कृत को अनिवार्य किया जावे!
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